Yoga For Body And Mind: पुराने समय में हमारे ऋषि मुनि योग साधना में लीन रहते थे। वे योग के माध्यम से अपने तन और मन को स्वस्थ बनाए रखते थे। और लंबे समय तक जीवन यापन करते थे। योग सिर्फ एक आसान ही नहीं है बल्कि एक प्राणायाम भी है। इसके निरंतर प्रयोग से हम अपने जीवन शैली को बहुत अच्छे ढंग से ढाल सकते हैं। कुछ मुद्राओं का उपयोग करके हम अपने मन पर नियंत्रण पा सकते हैं।
Yoga For Body And Mind: योग एक ऐसा अभ्यास है जिसका संबंध हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से रहता है। हम जीवन भर गलत तरीके से सांस लेते हैं जिससे हमारा शरीर अनेक रोगों से ग्रस्त रहता है। सांस लेना हमारे शरीर को स्वस्थ रखने व ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करता है। हमारे योग्य शास्त्रों में भी इस क्रिया को विशेष महत्व दिया है। नित्य योग साधना के माध्यम से हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं आईए जानते हैं साधनाओं के बारे में।
Yoga For Body And Mind: योग मुद्रा ध्यान
सूर्य नमस्कार
Yoga For Body And Mind: सूर्य नमस्कार की व्याख्या शास्त्रों में भी की गई है। सूर्य नमस्कार के दौरान 12 मंत्र, 12 आसनों के साथ भगवान सूर्य की ओर समर्पित किए जाते हैं। साथ ही इससे एक बीज मंत्र तैयार किया जाता है जिसके उपयोग का वर्णन शास्त्रों में किया गया है।
मंत्र जाप
Yoga For Body And Mind: जवाब मंत्र का उच्चारण करते हैं तो उस के उच्चारण से निकलने वाली विशिष्ट ध्वनि आपके मन और आत्मा को शांति प्रदान करती हैं।
ध्वनि ध्यान
Yoga For Body And Mind: ध्वनि ध्यान में साउंड मेडिटेशन का प्रयोग किया जाता है। जैसे की हम मंदिर जाते है तो वहां की बजती हुई घंटियां और प्राकृतिक ध्वनियां हमारे मन और आत्मा को शांति प्रदान करती हैं। यह ध्वनियां हमारे ध्यान में गहराई लाने में मदद करती हैं।
नाद योग
Yoga For Body And Mind: यह एक विशिष्ट योग होता है। जब हमें आंतरिक और बाहरी ध्वनियां पर ध्यान केंद्रित करना होता है, तो यह योग हमारे मन को एकाग्र और शांत करने में सहायता प्रदान करता है। इस योग के माध्यम से आत्म अनुभव और आत्मा जागरूकता को बढ़ाने में मदद मिलती है।
बीज मंत्र
Yoga For Body And Mind: इस योग में छोटी छोटी ध्वनियां विद्यमान रहती है। जो एक दूसरे के साथ जुड़ी रहती है। इनको करने से जीवन चक्र को सक्रिय और संतुलित किया जा सकता है।
Yoga For Body And Mind: मुद्राओं का प्रभाव
Yoga For Body And Mind: हमारा मानव शरीर पंचतंत्र से मिलकर बना हुआ है। यह पंचतंत्र पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश है। हमारे हाथों की हथेलियां में इन पंचतंत्र का समावेश पाया जाता है। प्राचीन योग शास्त्र के अनुसार अगर हम अपने हाथों की उंगलियों को मिलाकर कुछ विशेष प्रकार से क्रियाएं करते हैं तो उन्हें मुद्रा कहा जाता है।
ज्ञान मुद्रा
Yoga For Body And Mind: यदि हम अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली को मिलाकर व अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं तो इससे हमारे मन को अपार शांति मिलती है। हमारी एकाग्रता में सुधार होता है व मानसिक स्थिरता उत्पन्न होती है।
प्राण मुद्रा
Yoga For Body And Mind: यदि हम अपनी अंगूठे को कनिष्ठा और अनामिका उंगली से मिलाते हैं व अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं, तो इससे हमारे शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती है। शरीर की शारीरिक शक्ति का सुधार होता है और हमारी थकान दूर होती है।
शून्य मुद्रा
Yoga For Body And Mind: यदि हम अपने हाथ की मध्यमा उंगली को अंगूठे से दबाकर रखते हैं और अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं। इससे हमारे कान की समस्याएं को दूर किया जा सकता है और हमारे शरीर के संतुलन में सुधार उत्पन्न होगा।
वायु मुद्रा
Yoga For Body And Mind: यदि हम अपनी तर्जनी उंगली को अंगूठे के माध्यम से दबाकर रखते हैं और अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं। तो यह हमारे शरीर में उत्पन्न वायु विकारों को दूर करता है और जोड़ों की समस्या कम कर देता है।
अपान मुद्रा
Yoga For Body And Mind: यदि हम अपनी मध्यमा और अनामिका उंगली को अंगूठे से मिलकर रखते हैं और उंगलियों को सीधा रखते हैं। तो इससे हमारे शरीर के पाचन तंत्र में सुधार होगा और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर की ओर निकल जाते हैं।
Yoga For Body And Mind: निष्कर्ष
Yoga For Body And Mind: योग ऐसा माध्यम है जो हम आसानी से घर पर बैठकर कर सकते हैं। इसके लिए हमें किसी भी ट्रेनर से ट्रेनिंग लेने की आवश्यकता नहीं होती है। योग का इतिहास हमारे भारत देश में बहुत पुराना है। जिसका प्रमाण हमारे भारत देश में मौजूद पुराने मंदिरों और गुफाओं में देखने को मिलता है। आज हमारे विश्व का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है अतः इस एक दिवस पर हम आज से योग करने का प्रण लेते हैं तथा अपने मन और तन को स्वस्थ बनाने के लिए वचनबद्ध होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्राण मुद्रा कैसे बनाएं?
उत्तर- हम अपनी अंगूठे को कनिष्ठा और अनामिका उंगली से मिलाते हैं व अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं, तो इससे हमारे शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती है। शरीर की शारीरिक शक्ति का सुधार होता है और हमारी थकान दूर होती है।
प्रश्न- प्राण मुद्रा के क्या फायदे हैं?
उत्तर- हमारे शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती है। शरीर की शारीरिक शक्ति का सुधार होता है और हमारी थकान दूर होती है।
प्रश्न- ज्ञान मुद्रा कैसे बनाएं?
उत्तर- यदि हम अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली को मिलाकर व अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं तो इससे हमारे मन को अपार शांति मिलती है। हमारी एकाग्रता में सुधार होता है व मानसिक स्थिरता उत्पन्न होती है।
प्रश्न- शून्य मुद्रा कैसे बनाएं?
उत्तर- यदि हम अपने हाथ की मध्यमा उंगली को अंगूठे से दबाकर रखते हैं और अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं। इससे हमारे कान की समस्याएं को दूर किया जा सकता है और हमारे शरीर के संतुलन में सुधार उत्पन्न होगा।
प्रश्न- वायु मुद्रा कैसे बनाएं?
उत्तर- यदि हम अपनी तर्जनी उंगली को अंगूठे के माध्यम से दबाकर रखते हैं और अन्य उंगलियों को सीधा रखते हैं। तो यह हमारे शरीर में उत्पन्न वायु विकारों को दूर करता है और जोड़ों की समस्या कम कर देता है।
प्रश्न- अपान मुद्रा कैसे बनाएं?
उत्तर- यदि हम अपनी मध्यमा और अनामिका उंगली को अंगूठे से मिलकर रखते हैं और उंगलियों को सीधा रखते हैं। तो इससे हमारे शरीर के पाचन तंत्र में सुधार होगा और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर की ओर निकल जाते हैं।
प्रश्न- अपान मुद्रा के क्या फायदे हैं?
उत्तर- इससे हमारे शरीर के पाचन तंत्र में सुधार होगा और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर की ओर निकल जाते हैं।
प्रश्न- वायु मुद्रा के क्या फायदे हैं?
उत्तर- यह हमारे शरीर में उत्पन्न वायु विकारों को दूर करता है और जोड़ों की समस्या कम कर देता है।
प्रश्न- शून्य मुद्रा के क्या फायदे हैं?
उत्तर- इससे हमारे कान की समस्याएं को दूर किया जा सकता है और हमारे शरीर के संतुलन में सुधार उत्पन्न होगा।
प्रश्न- ज्ञान मुद्रा के क्या फायदे हैं?
उत्तर- इससे हमारे मन को अपार शांति मिलती है। हमारी एकाग्रता में सुधार होता है व मानसिक स्थिरता उत्पन्न होती है।
प्रश्न- सूर्य नमस्कार के क्या फायदे हैं?
उत्तर- सूर्य नमस्कार की व्याख्या शास्त्रों में भी की गई है। सूर्य नमस्कार के दौरान 12 मंत्र, 12 आसनों के साथ भगवान सूर्य की ओर समर्पित किए जाते हैं। साथ ही इससे एक बीज मंत्र तैयार किया जाता है जिसके उपयोग का वर्णन शास्त्रों में किया गया है।
प्रश्न- मंत्र जाप के क्या फायदे हैं?
उत्तर- जवाब मंत्र का उच्चारण करते हैं तो उस के उच्चारण से निकलने वाली विशिष्ट ध्वनि आपके मन और आत्मा को शांति प्रदान करती हैं।
प्रश्न- ध्वनि ध्यान के क्या फायदे हैं?
उत्तर- ध्वनि ध्यान में साउंड मेडिटेशन का प्रयोग किया जाता है। जैसे की हम मंदिर जाते है तो वहां की बजती हुई घंटियां और प्राकृतिक ध्वनियां हमारे मन और आत्मा को शांति प्रदान करती हैं। यह ध्वनियां हमारे ध्यान में गहराई लाने में मदद करती हैं।
प्रश्न- नाद योग के क्या फायदे हैं?
उत्तर- यह एक विशिष्ट योग होता है। जब हमें आंतरिक और बाहरी ध्वनियां पर ध्यान केंद्रित करना होता है, तो यह योग हमारे मन को एकाग्र और शांत करने में सहायता प्रदान करता है। इस योग के माध्यम से आत्म अनुभव और आत्मा जागरूकता को बढ़ाने में मदद मिलती है।
प्रश्न- बीज मंत्र के क्या फायदे हैं?
उत्तर- इस योग में छोटी छोटी ध्वनियां विद्यमान रहती है। जो एक दूसरे के साथ जुड़ी रहती है। इनको करने से जीवन चक्र को सक्रिय और संतुलित किया जा सकता है।
प्रश्न- योग दिवस कब मनाया गया?
उत्तर- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है।
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