Pneumonia : “सर्दी शुरू हो गई है, जुकाम भी हो गया है? ऐसा करते हैं, दो-तीन दिन आराम कर लेंगे, तो अपने आप ठीक हो जाएगा। यह मौसम की सर्दी है, दवाई लेने की आवश्यकता नहीं है।” ऐसे कथन प्राय हम सर्दी के मौसम में हर किसी के मुंह से सुन लेते हैं। जब हमें सर्दी, जुकाम, खांसी या हरारत सी महसूस होती है। तो इन छोटी-छोटी समस्याओं पर हमारा ध्यान नहीं जाता है। वास्तव में ऐसा करने पर हम भविष्य में होने वाली कई समस्याओं को बढ़ावा देते हैं। यह समस्याएं हर उम्र में होना स्वाभाविक होता है। लेकिन इनका सबसे ज्यादा खतरा शिशुओं और बुजुर्गों में देखने को ज्यादा मिलता है।
Pneumonia : सामान्य सी दिखने वाली सर्दी, जुकाम, तेज बुखार और हरारत से निमोनिया जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। स्वास्थ्य संगठन रिपोर्ट के अनुसार सर्दी खांसी में कई बार बच्चों ओर बुजुर्गों की मृत्यु हो जाती है। इतना ही नहीं यह वयस्कों के लिए भी जानलेवा बीमारी का कारण बन सकती है।
Pneumonia : निमोनिया क्या होता है ?
Pneumonia : निमोनिया एक तरह का तीव्र गति से फैलने वाला स्वशन संक्रमण है। जो आमतौर पर वायरस और बैक्टीरिया के मिलने के कारण फैल जाता है। यह संक्रमण आमतौर पर संक्रमित लोगों के संपर्क से ज्यादा फैलता है। दरअसल हमारे फेफड़ों में छोटी-छोटी थैलिया बनी होती हैं। जिन्हें एल्वियोली कहा जाता हैं। जब संक्रमित व्यक्ति सांस लेता है, तो इन थैलियों में हवा भर जाती है। जिससे मवाद और तरल पदार्थ फैल जाता है। जिससे श्वसन करने में दर्द उत्पन्न होने लगता है। और हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।
Pneumonia : निमोनिया की पहचान के लक्षण क्या है ?
Pneumonia : निमोनिया के लक्षणों में तेज बुखार, सर्दी, खांसी, ठंड लगना, सीने में दर्द होना, सांस का तेज चलना, सांस फूलना, सीने में जकड़न होना, थकान होना, मतली होना, मांसपेशियों में कमजोरी आना, सांस लेने में कठिनाइयां होना, हरे रंग का बलगम आना और खांसी में खून वाला बलगम आना या बलगम के साथ होने वाली खांसी भी शामिल की जाती है। बच्चों में निमोनिया के लक्षण अलग देखने को मिलते हैं। निमोनिया की चपेट में आते ही बच्चों में सुस्ती, ऐंठन और दूध पीने की समस्याएं से होने लगती है। जो बच्चे निमोनिया का शिकार हो जाते हैं, उनके होठ और नाखूनों का रंग नीला दिखाई देने लगता है।
Pneumonia : निमोनिया घातक बीमारियों का कारण क्यों है?
Pneumonia : निमोनिया एक गंभीर संक्रमण बीमारी है। जो हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है। अगर निमोनिया का सही समय पर उपचार नहीं किया जाता है, तो आगे चलकर यह बीमारी कई गंभीर बीमारियों का मुख्य कारण बन सकता है।
Pneumonia : निमोनिया के संक्रमण से होने वाली अन्य बीमारियां
क्रॉनिक अवस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज
Pneumonia : यदि हम लंबे समय तक निमोनिया के संक्रमण से प्रभावित रहे, तो हमें सीओपीडी जैसी दीर्घकालिक और खतरनाक बीमारी हो सकती है। जिसके कारण वजह से सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बलगम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
फेफड़ों की कार्य क्षमता में कमी
Pneumonia : यदि हमें हर समय निमोनिया जैसी बीमारी हो जाती है। और हम उसका सही समय पर इलाज नहीं करते हैं, तो हमारे फेफड़े कमजोर होने लगते हैं। इस कारण से भविष्य में सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वसन संबंधी समस्या पैदा होने लगती है।
हृदय संबंधी बीमारियां
Pneumonia : निमोनिया के संक्रमण के कारण हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिससे हमारे दिल को धड़कने में अधिक मेहनत करनी होती है। इसके चलते हमारे हृदय की धड़कन और अनियमित हो जाती है। और आगे चलकर हृदय रोग और दिल का दौरा पढ़ने की संभावना बढ़ने लगती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी
Pneumonia : निमोनिया के संक्रमण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। जिससे व्यक्ति बार-बार संक्रमण की चपेट में आने लगता है। और अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
फेफड़ों में घाव
Pneumonia : अधिक समय पर तक निमोनिया को अनदेखा करने से हमारे एक फेफड़े कमजोर होने लगते हैं। और उनमें घाव उत्पन्न हो जाता है। जिस वजह से हमारे फेफड़े गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। फिर इनका इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
Pneumonia : निमोनिया संक्रमण फैलने पर बच्चों के लिए करें ये सावधानियां और उपचार
- Pneumonia : बच्चों की स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें। बच्चों को छूने और उन्हें कुछ भी देने से पहले अपने हाथों को स्वच्छ पानी से धो लें।
- अगर परिवार में किसी को सर्दी जुकाम है, तो उनके पास बच्चों को न जाने दें। तथा उनसे बात करने के लिए दोनों को मास्क जरूर पहनाएं।
- नवजात शिशु को 6 महीने तक सिर्फ मां का ही दूध पीने को दें। क्योंकि मां के दूध में सबसे ज्यादा पोषण तत्व, हारमोंस एंटीऑक्साइट और एंटीबॉडीज पाए जाते हैं। जो बच्चों को निमोनिया सहित कई संक्रमित बीमारियों से लड़ने में सहायता करते हैं।
- अगर बच्चों को सर्दी खांसी हो जाती है, तो उन्हें डॉक्टर को जरूर दिखाएं तथा उनका कोर्स पूरा करें।
Pneumonia : निमोनिया संक्रमण फैलने पर वयस्कों के लिए करें ये सावधानियां और उपचार
- Pneumonia : अपने शरीर को अच्छे तरीके से ढक कर रखें। कान, पैर और सर को हमेशा गर्म और सूखा रखें।
- स्विमिंग पूल और तालाब जैसी जगह पर स्नान न करें। इससे संक्रमण फैलने के चांस ज्यादा रहते हैं। और कई परेशानियों का का भी सामना करना पड़ सकता है।
- प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अपने आहार में दाल, अंडा, बादाम, दूध और दही का उपयोग करें। इससे आपकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत हो जाएगा।
- ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेने की कोशिश करें। इसके लिए आप गर्म पानी, शोरबा और दाल इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पदार्थ आपकी स्वसन नली में जमा बलगम को पतला करने में मदद करेंगे।
निष्कर्ष
Pneumonia : सर्दी खांसी से फैलने वाला निमोनिया फेफड़ों में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसे नजरअंदाज करना घातक बीमारियों के लिए बढ़ावा देना होता है। इस वायरस से बचने के लिए अपने विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।
अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- निमोनिया क्या होता है ?
उत्तर- Pneumonia : निमोनिया एक तरह का तीव्र गति से फैलने वाला स्वशन संक्रमण है। जो आमतौर पर वायरस और बैक्टीरिया के मिलने के कारण फैल जाता है। यह संक्रमण आमतौर पर संक्रमित लोगों के संपर्क से ज्यादा फैलता है। दरअसल हमारे फेफड़ों में छोटी-छोटी थैलिया बनी होती हैं। जिन्हें एल्वियोली कहा जाता हैं। जब संक्रमित व्यक्ति सांस लेता है, तो इन थैलियों में हवा भर जाती है। जिससे मवाद और तरल पदार्थ फैल जाता है। जिससे श्वसन करने में दर्द उत्पन्न होने लगता है। और हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।
प्रश्न- निमोनिया की पहचान के लक्षण क्या है ?
उत्तर- निमोनिया के लक्षणों में तेज बुखार, सर्दी, खांसी, ठंड लगना, सीने में दर्द होना, सांस का तेज चलना, सांस फूलना, सीने में जकड़न होना, थकान होना, मतली होना, मांसपेशियों में कमजोरी आना, सांस लेने में कठिनाइयां होना, हरे रंग का बलगम आना और खांसी में खून वाला बलगम आना या बलगम के साथ होने वाली खांसी भी शामिल की जाती है। बच्चों में निमोनिया के लक्षण अलग देखने को मिलते हैं। निमोनिया की चपेट में आते ही बच्चों में सुस्ती, ऐंठन और दूध पीने की समस्याएं से होने लगती है। जो बच्चे निमोनिया का शिकार हो जाते हैं, उनके होठ और नाखूनों का रंग नीला दिखाई देने लगता है।
प्रश्न- निमोनिया घातक बीमारियों का कारण क्यों है?
उत्तर- निमोनिया एक गंभीर संक्रमण बीमारी है। जो हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है। अगर निमोनिया का सही समय पर उपचार नहीं किया जाता है, तो आगे चलकर यह बीमारी कई गंभीर बीमारियों का मुख्य कारण बन सकता है।
प्रश्न- निमोनिया के संक्रमण से क्रॉनिक अवस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज कैसे हो जाती है ?
उत्तर- यदि हम लंबे समय तक निमोनिया के संक्रमण से प्रभावित रहे, तो हमें सीओपीडी जैसी दीर्घकालिक और खतरनाक बीमारी हो सकती है। जिसके कारण वजह से सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बलगम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रश्न- निमोनिया के संक्रमण से फेफड़ों की कार्य क्षमता में कमी कैसे हो जाती है ?
उत्तर- यदि हमें हर समय निमोनिया जैसी बीमारी हो जाती है। और हम उसका सही समय पर इलाज नहीं करते हैं, तो हमारे फेफड़े कमजोर होने लगते हैं। इस कारण से भविष्य में सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वसन संबंधी समस्या पैदा होने लगती है।
प्रश्न- निमोनिया के संक्रमण से हृदय संबंधी बीमारियां कैसे हो जाती है ?
उत्तर- निमोनिया के संक्रमण के कारण हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिससे हमारे दिल को धड़कने में अधिक मेहनत करनी होती है। इसके चलते हमारे हृदय की धड़कन और अनियमित हो जाती है। और आगे चलकर हृदय रोग और दिल का दौरा पढ़ने की संभावना बढ़ने लगती है।
प्रश्न- निमोनिया के संक्रमण से फेफड़ों में घाव कैसे होने लगता है ?
उत्तर- अधिक समय पर तक निमोनिया को अनदेखा करने से हमारे एक फेफड़े कमजोर होने लगते हैं। और उनमें घाव उत्पन्न हो जाता है। जिस वजह से हमारे फेफड़े गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। फिर इनका इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
प्रश्न- निमोनिया के संक्रमण से रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी क्यों हो जाती है ?
उत्तर- निमोनिया के संक्रमण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। जिससे व्यक्ति बार-बार संक्रमण की चपेट में आने लगता है। और अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
प्रश्न- निमोनिया संक्रमण फैलने पर वयस्कों के लिए करें ये सावधानियां और उपचार क्या है ?
उत्तर- अपने शरीर को अच्छे तरीके से ढक कर रखें। कान, पैर और सर को हमेशा गर्म और सूखा रखें।
स्विमिंग पूल और तालाब जैसी जगह पर स्नान न करें। इससे संक्रमण फैलने के चांस ज्यादा रहते हैं। और कई परेशानियों का का भी सामना करना पड़ सकता है।
प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अपने आहार में दाल, अंडा, बादाम, दूध और दही का उपयोग करें। इससे आपकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत हो जाएगा।
ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेने की कोशिश करें। इसके लिए आप गर्म पानी, शोरबा और दाल इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पदार्थ आपकी स्वसन नली में जमा बलगम को पतला करने में मदद करेंगे।
प्रश्न- निमोनिया संक्रमण फैलने पर बच्चों के लिए करें ये सावधानियां और उपचार क्या है ?
उत्तर- बच्चों की स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें। बच्चों को छूने और उन्हें कुछ भी देने से पहले अपने हाथों को स्वच्छ पानी से धो लें।
अगर परिवार में किसी को सर्दी जुकाम है, तो उनके पास बच्चों को न जाने दें। तथा उनसे बात करने के लिए दोनों को मास्क जरूर पहनाएं।
नवजात शिशु को 6 महीने तक सिर्फ मां का ही दूध पीने को दें। क्योंकि मां के दूध में सबसे ज्यादा पोषण तत्व, हारमोंस एंटीऑक्साइट और एंटीबॉडीज पाए जाते हैं। जो बच्चों को निमोनिया सहित कई संक्रमित बीमारियों से लड़ने में सहायता करते हैं।
अगर बच्चों को सर्दी खांसी हो जाती है, तो उन्हें डॉक्टर को जरूर दिखाएं तथा उनका कोर्स पूरा करें।
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