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Ram Janmabhoomi Ayodhya : श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या का इतिहास, जन्म, जीर्णोद्धार, मंदिर का विध्वंश, 1527 से 2024 तक का इतिहास।

Ram Janmabhoomi Ayodhya: सनातन धर्म के अनुसार भगवान श्री राम का जन्म रघुकुल बंश में हुआ था भगवान श्री राम ने धरती पर एक मर्यादित पुरुष के रूप में अवतार लिया था, अवध की नगरी अयोध्या की खूबसूरत इमारतों की छटा देखते ही बनती है धन्य धान्य और रत्न आभोषणों से भरी इस नगरी का सौंदर्य इंद्र लोक के स्वर्ग से भी सुंदर है, ये मनोरम दृश्य हमारे पूर्वजों ने अपनी आखों से देखा है ।

भगवान श्री राम और उनके जन्म स्थल का वर्णन कई ग्रंथो, वेदों और पुराणों, में मिलता है, भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुल्क पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में हुआ था ।

विषय बस्तु

Ram Janmabhoomi Ayodhya: भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम का जन्म

Ram Janmabhoomi Ayodhya: पुराणों और ग्रंथो में इस बात को लेकर है की भगवान श्री राम का जन्म आखिर कब हुआ था, जो प्रचलित कथाएं है उनके अनुसार भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुल्क पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में हुआ था । इस दिन को आज पूरा भारत वर्ष में राम नवमी के रूप में मनाया जाता है।

महर्षि भगवान श्री बाल्मिकी की महाकाव्य रामायण के अनुसार

Ram Janmabhoomi Ayodhya: महर्षि भगवान श्री बाल्मिकी जी ने रामायण नाम का महाकाव्य लिखा था, उक्त महाकाव्य में उन्होंने श्री राम के बाल काण्ड में भगवान श्री राम के जन्म का उल्लेख किया जो इस प्रकार है, बाल में रचित जन्म सर्ग 18वें श्लोक 18-08-10 में आपने उल्लेख किया है कि भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में संपन्न हुआ। भगवान बाल्मिकी जी ने उल्लेख किया है कि जब भगवान श्री राम जन्म हुआ तब पांच ग्रह अपनी उच्चतम स्थिति में थे।

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के अनुसार

Ram Janmabhoomi Ayodhya: गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के अनुसार, रामचरित मानस के बाल काण्ड के 190 वें दोहे में पहली चौपाई में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी भगवान श्री का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और ग्रह नक्षत्रों का वर्णन किया है। यह उल्लेख महर्षि बाल्मिक के उल्लेख को प्रमाणित करता है।

आधुनिक युग में कंप्यूटर द्वारा निकाली गई तिथि के अनुसार

Ram Janmabhoomi Ayodhya: आधुनिक समय में जब कंप्यूटर द्वारा भगवान श्री राम की जन्म का शोध किया गया तो भगवान श्री राम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसापूर्व सुबह 12 बजकर 05 मिनट में हुआ। जो आज से लगभग 9349 वर्ष पहले हुआ था।

भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या का इतिहास

भगवन श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या का इतिहास त्रेतायुग से लेकर आज तक का है.

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भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या का जीर्णोद्धार

Ram Janmabhoomi Ayodhya: भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या का समय समय पर जीर्णोद्धार किया गया, भारत के विभिन्न राजाओं ने राम मंदिर का जीर्णोद्धार किया।

कुश द्वारा जीर्णोद्धार

Ram Janmabhoomi Ayodhya: भगवान श्री राम की जल समाधि के उपरांत अयोध्या नगरी उजड़ गई थी, लेकिन भगवान का महल अपना अस्तित्व बनाए रखे था, श्री राम के पुत्र कुश ने अयोध्या को पुनः स्थापित किया था और भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या का जीर्णोद्धार किया गया था। इसके बाद महाभारत काल के युद्ध के पश्चात पुनः अयोध्या नगरी उजड़ गई थी, लेकिन भगवान श्री राम की जन्मभूमि स्थल अपना अस्तित्व बनाए रखे था।

सम्राट विक्रमदित्य द्वारा जीर्णोद्धार

Ram Janmabhoomi Ayodhya: ईसा के लगभग 100 पूर्व एक दिन सम्राट विक्रमादित्य घूमते हुए अयोध्या पहुंचे, उन्हें अयोध्या की धरती पर कुछ दैविक चमत्कार दिखे, इसके उपरांत उन्होंने कुछ खोजबीन की संतो और महात्माओं के द्वारा उन्हें उक्त नगरी का ज्ञान प्राप्त हुआ की यह नगरी भगवान श्री राम की जन्मभूमि है। उन्ही संतो के निर्देश पर सम्राट विक्रमादित्य ने यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। ऐसा माना जाता है श्री राम जन्मभूमि पर सम्राट ने काले रंग के पत्थर वाले 84 स्तंभों का एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था इस मंदिर की छटा देखते ही बनती थी।

पुष्यमित्र शुंग द्वारा जीर्णोद्धार

Ram Janmabhoomi Ayodhya: सम्राट विक्रमादित्य के बाद इस मंदिर की समय समय पर विभिन्न राजाओं ने देख रह की थी। शुंग बंश के प्रथम शासक पुष्यमित्र शुंग द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में इनके शिलालेख प्राप्त हुए है।

भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या, गुप्त काल की राजधानी

Ram Janmabhoomi Ayodhya: गुप्तवंश के चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपने समय और उसके उपरांत भी भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या को गुप्तकाल की राजधानी बनाए रखा। गुप्तकाल के महाकवि कालीदास ने भी अयोध्या और भगवान राम का जिक्र अपनी कविताओं किया।

भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर का विध्वंश

Ram Janmabhoomi Ayodhya: ईसा की 11बीं शताब्दी के समय से मंदिर का पतन शुरू हो गया था , इस शताब्दी में कन्नौज के राजा जयचंद्र ने विक्रमादित्य के शिलालेखों से उसका नाम हटाकर अपना नाम लिखवा दिया था।इसके बाद कई अक्रमणकारिओं ने अपना आतंक अयोध्या में दिखाया। इन्होंने भारतवर्ष के कई मंदिरों को तोड़ा।

Ram Janmabhoomi Ayodhya: लेकिन 14वीं शताब्दी तक कोई राम जन्मभूमि अयोध्या को तोड़ने में सफल नही हो सका। विभिन्न आक्रमण झेलने के बाद भी भगवान का मंदिर अपनी भव्यता बनाए रहा। माना जाता है की सिकंदर लोदी शासनकाल काम तक यह मंदिर अपनी छटा बनाए रखने में सफल रहा।

मुगल शासक बाबर द्वारा मंदिर का विध्वंश करना

Ram Janmabhoomi Ayodhya: सन 1527-28 में मुगल शासक बाबर द्वारा मंदिर तोड़ने का आदेश पारित किया, तथा उक्त मंदिर के स्थान पर मस्जिद बनाने का आदेश दिया। जिसे बाबरी मस्ज़िद के नाम से जाना जाता हैं। यह मस्जिद 1992 तक अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के स्थान पर विद्यमान रही।

सन 1527 से 2019 तक भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या का इतिहास।

  • 1528 को श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्ज़िद का निमार्ण किया गया।
  • 1853 को पहली बार श्री राम मंदिर को लेकर हिंदू मुसलमान में विवाद हुआ
  • 30 नवंबर 1858 को बाबा फकीर सिंह खालसा के नेतृत्व में 25 निहंग सिखों ने बाबरी मस्ज़िद पर अपना कब्जा किया। उन्होंने कई दिनों तक अपना कब्जा बनाए रखा। भगवान श्री राम का पाठ व स्तुति की। आपने मस्ज़िद में भगवान राम का नाम भी लिखवा दिया था।
  • 1859 को जब विवाद की स्तिथि ज्यादा बढ़ गई तो अंग्रेजो ने मुसलमानों को नवाज पड़ने के लिए मंदिर के अंदर का हिस्सा दिया, और हिंदुओ को पूजा करने के लिए मंदिर के बाहर का हिस्सा दिया गया।
  • 1949 में देश के आजाद होने बाद मंदिर के अंदर भगवान श्री राम की मूर्ति रखी गई। जिससे देश में काफी तनाव उत्पन्न हुआ और अंततः सरकार ने मंदिर के गेट पर ताला लगा दिया।
  • 1986 में जिला न्यायाधीश ने हिंदुओ को पूजा करने के लिए मंदिर का गेट खोलने का आदेश दिया। मुस्लिम समुदाय ने इस आदेश के विरोध में एक कमेटी का गठन किया जिसका नाम बाबरी मस्ज़िद एक्शन कमेटी था।
  • 1989 में विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि मंदिर के पास की जमीन से राम मंदिर की मुहिम आरंभ की।
  • 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्ज़िद को गिराया गया। इससे देश भर में दंगे हो गए जिसमे कई हजार लोगो की जान गई।
  • 1993 में मोहम्मद इस्माइल फारूकी ने सुप्रीम कोर्ट में जमीन अधिग्रहण करने के लिए चुनौती दी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस चुनौती को खारिज कर दिया।
  • 1996 में न्यास ने केंद्र सरकार से यह जमीन मांगी लेकिन केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया
  • 1997 को न्यास ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
  • 2002 को कुछ एसी जमीन जो विवाद में नहीं थी उसमे कुछ हलचल हुई तो असलम भूरे ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई।
  • 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाया इस फैसले में विवादित भूमि को राम जन्मभूमि करार दिया गया।
  • 9 नवंबर 2019 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित स्थान को श्री राम की जन्म भूमि माना और आदेशित किया की उक्त भूमि रामलाला के स्वामित्व में रहेगी।
  • 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या के भव्य मंदिर का उदघाटन किया गया l

अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न- भगवान श्री राम का जन्म कब हुआ ?

उत्तर- भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम का जन्म
महर्षि भगवान श्री बाल्मिकी की महाकाव्य रामायण के अनुसार
Ram Janmabhoomi Ayodhya: महर्षि भगवान श्री बाल्मिकी जी ने रामायण नाम का महाकाव्य लिखा था, उक्त महाकाव्य में उन्होंने श्री राम के बाल काण्ड में भगवान श्री राम के जन्म का उल्लेख किया जो इस प्रकार है, बाल में रचित जन्म सर्ग 18वें श्लोक 18-08-10 में आपने उल्लेख किया है कि भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में संपन्न हुआ। भगवान बाल्मिकी जी ने उल्लेख किया है कि जब भगवान श्री राम जन्म हुआ तब पांच ग्रह अपनी उच्चतम स्थिति में थे।
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के अनुसार
Ram Janmabhoomi Ayodhya: गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के अनुसार, रामचरित मानस के बाल काण्ड के 190 वें दोहे में पहली चौपाई में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी भगवान श्री का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और ग्रह नक्षत्रों का वर्णन किया है। यह उल्लेख महर्षि बाल्मिक के उल्लेख को प्रमाणित करता है।
आधुनिक युग में कंप्यूटर द्वारा निकाली गई तिथि के अनुसार
Ram Janmabhoomi Ayodhya: आधुनिक समय में जब कंप्यूटर द्वारा भगवान श्री राम की जन्म का शोध किया गया तो भगवान श्री राम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसापूर्व सुबह 12 बजकर 05 मिनट में हुआ। जो आज से लगभग 9349 वर्ष पहले हुआ था।

प्रश्न- भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या का जीर्णोद्धार कब – कब हुआ ?

उत्तर- कुश द्वारा जीर्णोद्धार
Ram Janmabhoomi Ayodhya: भगवान श्री राम की जल समाधि के उपरांत अयोध्या नगरी उजड़ गई थी, लेकिन भगवान का महल अपना अस्तित्व बनाए रखे था, श्री राम के पुत्र कुश ने अयोध्या को पुनः स्थापित किया था और भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या का जीर्णोद्धार किया गया था। इसके बाद महाभारत काल के युद्ध के पश्चात पुनः अयोध्या नगरी उजड़ गई थी, लेकिन भगवान श्री राम की जन्मभूमि स्थल अपना अस्तित्व बनाए रखे था।
सम्राट विक्रमदित्य द्वारा जीर्णोद्धार
Ram Janmabhoomi Ayodhya: ईसा के लगभग 100 पूर्व एक दिन सम्राट विक्रमादित्य घूमते हुए अयोध्या पहुंचे, उन्हें अयोध्या की धरती पर कुछ दैविक चमत्कार दिखे, इसके उपरांत उन्होंने कुछ खोजबीन की संतो और महात्माओं के द्वारा उन्हें उक्त नगरी का ज्ञान प्राप्त हुआ की यह नगरी भगवान श्री राम की जन्मभूमि है। उन्ही संतो के निर्देश पर सम्राट विक्रमादित्य ने यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। ऐसा माना जाता है श्री राम जन्मभूमि पर सम्राट ने काले रंग के पत्थर वाले 84 स्तंभों का एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था इस मंदिर की छटा देखते ही बनती थी।
पुष्यमित्र शुंग द्वारा जीर्णोद्धार
Ram Janmabhoomi Ayodhya: सम्राट विक्रमादित्य के बाद इस मंदिर की समय समय पर विभिन्न राजाओं ने देख रह की थी। शुंग बंश के प्रथम शासक पुष्यमित्र शुंग द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में इनके शिलालेख प्राप्त हुए है।

प्रश्न- भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या अपनी राजधानी किसने बनाई ?

उत्तर- Ram Janmabhoomi Ayodhya: गुप्तवंश के चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपने समय और उसके उपरांत भी भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या को गुप्तकाल की राजधानी बनाए रखा।

प्रश्न- भगवान श्रीं राम की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर का विध्वंश कब हुआ ?

उत्तर- मुगल शासक बाबर द्वारा मंदिर का विध्वंश करना
Ram Janmabhoomi Ayodhya: सन 1527-28 में मुगल शासक बाबर द्वारा मंदिर तोड़ने का आदेश पारित किया, तथा उक्त मंदिर के स्थान पर मस्जिद बनाने का आदेश दिया। जिसे बाबरी मस्ज़िद के नाम से जाना जाता हैं। यह मस्जिद 1992 तक अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के स्थान पर विद्यमान रही।

प्रश्न- सर्वोच्य न्यायालय ने राम जन्मभूमि को क्लीन चिट कब दी ?

उत्तर- Ram Janmabhoomi Ayodhya: 9 नवंबर 2019 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित स्थान को श्री राम की जन्म भूमि माना और आदेशित किया की उक्त भूमि रामलाला के स्वामित्व में रहेगी।

प्रश्न- भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या के भव्य मंदिर का उदघाटन कब किया गया ?

उत्तर- Ram Janmabhoomi Ayodhya: 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या के भव्य मंदिर का उदघाटन किया गया l

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