Childhood : अक्सर लोग सोचते हैं, कि जब उनके बच्चे बड़े होंगे तो उन्हें टीवी या मोबाइल की आदत नहीं डालेंगे। ऐसा फैसला कई बार उनके लिए लाभदायक भी होता है। लेकिन आज की व्यस्ततम लाइफ की वजह से ऐसा हमेशा हो पाना आवश्यक नहीं होता है। आज के समय में बच्चे हर समय टीवी और मोबाइल में ही व्यस्त बने रहते हैं। यह उनके अभिभावक द्वारा दी गई छूट होती है।
Childhood : आज के समय में लोग अपने काम में इतने व्यस्त होते हैं, कि अपने लिए ही समय नहीं बचा पा रहे हैं। महंगाई भी निरंतर बढ़ रही है जिसकी वजह से आर्थिक समस्या झेलनी पड़ रही है। लोग अपने काम में इतने थक जाते हैं, कि बच्चों को समय ही नहीं दे पाते हैं। कई लोगों ने समस्या को भुगता है। तथा कई लोगों ने अपने फैसले में बदलाव किए हैं। आईए जानते हैं कुछ अहम अनुभव …..
Childhood : नई चुनौतियों का सामना
Childhood : लोगों को लगता है कि बच्चों को तकनीकी का सहारा देना आवश्यक हो गया है। इसलिए लोग बच्चों को मोबाइल और टीवी का सहारा देते हैं। जिससे उन्हें कुछ ढूंढने में या देखने में मदद मिल पाएगी। लेकिन यही चीज अब चुनौतियां बनकर सामने खड़ी हो गई है।
Childhood : बच्चों का बचपन
Childhood : अब बच्चों ने माता-पिता से बाहें फैला कर गले में लटकाना छोड़ दिया है। बच्चों का रात में कहानी सुना की ज़िद टीवी और मोबाइल की भेंट चढ़ गई है। यदि लोग बच्चों पर अपना दुलार लुटाते हैं, तो बच्चों का कहना होता है, वह उनके काम में डिस्टर्ब कर रहे हैं।
Childhood : बच्चों की रचनात्मक प्रवृत्ति नष्ट
Childhood : पहले के समय में बच्चे खेल के नए-नए नियम निकलते थे। आज के समय में उनके खिलौने अब धूल खा रहे हैं, बच्चों की जिज्ञासाएं खत्म हो चुकी हैं। बच्चों की रचनात्मक प्रवृत्ति जैसे भैंस बनना, दुल्हन बनना, दूल्हा बनना, टीचर बनना खेलना यह सब अब खत्म हो चुके हैं। यहां तक की बच्चों में आपसी लगाव भी खत्म होता दिखाई देने लगा है।
Childhood : तकनीकी बनी मुसीबत
Childhood : मोबाइल और टीवी जैसी तकनीकियों ने सबको अपना गुलाम बना दिया है। हमें किसी भी तरीके की कोई जानकारी लेना है, तो हम तुरंत मोबाइल उठाकर ढूंढने लगते हैं। आज के समय में बच्चे खुश रहने के लिए टीवी और मोबाइल पर निर्भर हो गए हैं। जब भी बच्चों के माता-पिता बच्चों को टीवी या मोबाइल से दूर करते हैं, तो बच्चे लोटकर, चिल्ला कर शोर मचाने लगते हैं।
Childhood : बच्चों के व्यवहार व सोच पर असर
नकारात्मक होना
Childhood : आज के समय बच्चों को जरा सी मुसीबत आ जाती है, तो उनके चेहरे लटक जाते है, उनके कंधे हर मारकर थक जाते हैं और उनके चेहरे की भंगिया हारे हुए खिलाड़ी जैसी लगने लगती है। ऐसी स्थिति में उन्हें हर जगह नकारात्मकता दिखाई देने लगती है।
आलसी होना
Childhood : आज के समय में बच्चे बहुत आलसी हो गए हैं। अगर बच्चों से किसी काम को कहा जाए, तो उनका कहना होता है, कि आप उन्हें तंग कर रहे हैं। बच्चे खुद को पीड़ितों की तरह पेश करना शुरू कर देते हैं। जैसे माता-पिता उन्हें हर समय सताते रहते हो और उनकी परवाह न करते हो।
पलट कर जवाब देना
Childhood : आज के समय में बच्चे माता-पिता के मामलों में दखल देना सीख रहे हैं। मोबाइल और टीवी ने उन्हें इस तरह से बेलगाम कर दिया है, कि वह अब अपने माता-पिता से बराबर बहस करने लगें है। बच्चे अब स्कूल से आकर सीधे मोबाइल लेकर बैठने लगे हैं और उन्हें टोकने पर पलट कर जवाब देने लगे।
Childhood : करें बच्चों के दिनचर्या में यह बदलाव
मोबाइल और टीवी देखने का टाइम निश्चित करें
Childhood : सबसे पहले बच्चों का मोबाइल और टीवी पर नियंत्रण रखना बहुत आवश्यक है। उनके मोबाइल चलाने का समय हफ्ते में एक दिन का रखें। टीवी देखने का समय भी निश्चित कर दें। और उसी समय पर देखने दे।
रचनात्मक गतिविधि
Childhood : शाम के समय जब आप रसोई पर काम कर रहे हो, तो अपने बच्चों को चित्र बनाने, रंग भरने और रचनात्मक गतिविधि करने के लिए प्रेरित करें। यह वही समय है, जो बच्चे मोबाइल में निकाल दिया करते थे।
समस्याओं का समाधान
Childhood : बच्चों से घर के सामान्य कामों में मदद लेने लगे। उनकी छोटी-छोटी समस्याओं में मदद करना छोड़ दे। उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए प्रेरित करें।
पुस्तक पढ़ना
Childhood : सोने से 1 घंटे पहले बच्चों को पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करें। उनसे कहें कि अपनी पुस्तक से कोई एक कहानी पढ़ कर सुनाएं। ताकि उनकी जिज्ञासा पाठ्यक्रम में बनी रहे।
Childhood : बदलाव के नतीजे
बच्चों में मुस्कुराहट वापस आना
Childhood : ऐसे बने हुए शख्त नियम से बच्चे पहले ना खुश होंगे। लेकिन धीरे-धीरे वह इसमें ढल जाएंगे। फिर उनके चेहरे पर मुस्कुराहट लौट आएंगी। और बच्चे अपने खिलौने के साथ भी खेल लगेंगे।
व्यवहार में परिवर्तन
Childhood : पहले बच्चे फोन पर बात करते समय या आपस में बात करते समय बीच में तंग किया करते थे। लेकिन नियम बनाने के बाद बच्चे धीरे-धीरे सौम्य और व्यवहारिक हो जाएंगे। वह आपसे बड़े आदर से बात करना शुरू कर देंगे।
सकारात्मक प्रभाव
Childhood : नियमित पुस्तक पढ़ने की आदत से बच्चों के स्कूल के नतीजे में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। वे अपनी पढ़ाई बड़ी आसानी से पूरा कर लिया करेंगे। तथा अपने स्कूल का काम भी आसानी से कर लिया करेंगे।
निष्कर्ष
Childhood : आज के समय में मोबाइल और टीवी प्रत्येक घर में बच्चों के लिए समस्या बनती जा रही है। अगर यह बदलाव के नियम आप अपनाते हैं, तो नतीजन आपको भी अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे। यह कोई जादू नहीं है। इसमें आपको मिलकर प्रयास करना होगा। मोबाइल और टीवी कम करने पर व परवरिस पर ध्यान देने से बड़ी-बड़ी से बड़ी मुसीबत से बाहर निकला जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- बच्चों का ज्यादा मोबाइल देखने से क्या होता है?
उत्तर- लोगों को लगता है कि बच्चों को तकनीकी का सहारा देना आवश्यक हो गया है। इसलिए लोग बच्चों को मोबाइल और टीवी का सहारा देते हैं। जिससे उन्हें कुछ ढूंढने में या देखने में मदद मिल पाएगी। लेकिन यही चीज अब चुनौतियां बनकर सामने खड़ी हो गई है।
प्रश्न- ज्यादा मोबाइल चलाने से बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर- मोबाइल और टीवी जैसी तकनीकियों ने सबको अपना गुलाम बना दिया है। हमें किसी भी तरीके की कोई जानकारी लेना है, तो हम तुरंत मोबाइल उठाकर ढूंढने लगते हैं। आज के समय में बच्चे खुश रहने के लिए टीवी और मोबाइल पर निर्भर हो गए हैं। जब भी बच्चों के माता-पिता बच्चों को टीवी या मोबाइल से दूर करते हैं, तो बच्चे लोटकर, चिल्ला कर शोर मचाने लगते हैं।
प्रश्न- बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए क्या करें?
उत्तर- मोबाइल और टीवी देखने का टाइम निश्चित करें
Childhood : सबसे पहले बच्चों का मोबाइल और टीवी पर नियंत्रण रखना बहुत आवश्यक है। उनके मोबाइल चलाने का समय हफ्ते में एक दिन का रखें। टीवी देखने का समय भी निश्चित कर दें। और उसी समय पर देखने दे।
प्रश्न- मैं अपने बच्चे को अपने फोन का उपयोग करने से कैसे रोक सकता हूं?
उत्तर- रचनात्मक गतिविधि
Childhood : शाम के समय जब आप रसोई पर काम कर रहे हो, तो अपने बच्चों को चित्र बनाने, रंग भरने और रचनात्मक गतिविधि करने के लिए प्रेरित करें। यह वही समय है, जो बच्चे मोबाइल में निकाल दिया करते थे।
प्रश्न- बच्चे को मोबाइल फोन से क्यों बचना चाहिए?
उत्तर- मोबाइल और टीवी जैसी तकनीकियों ने सबको अपना गुलाम बना दिया है। हमें किसी भी तरीके की कोई जानकारी लेना है, तो हम तुरंत मोबाइल उठाकर ढूंढने लगते हैं। आज के समय में बच्चे खुश रहने के लिए टीवी और मोबाइल पर निर्भर हो गए हैं। जब भी बच्चों के माता-पिता बच्चों को टीवी या मोबाइल से दूर करते हैं, तो बच्चे लोटकर, चिल्ला कर शोर मचाने लगते हैं।
प्रश्न- बच्चों के व्यवहार व सोच पर असर के लिए क्या करें?
उत्तर- नकारात्मक होना
Childhood : आज के समय बच्चों को जरा सी मुसीबत आ जाती है, तो उनके चेहरे लटक जाते है, उनके कंधे हर मारकर थक जाते हैं और उनके चेहरे की भंगिया हारे हुए खिलाड़ी जैसी लगने लगती है। ऐसी स्थिति में उन्हें हर जगह नकारात्मकता दिखाई देने लगती है।
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