" timeofdigital.in में आपका स्वागत है, रोजाना अपडेट पाने के लिए आप हमारी सोशल मीडिया को ज्वाइन कर सकते हैं| हमारा व्हाट्सएप नंबर है 9773391824 हैं| हमारी Official Email ID है. help@timeofdigital.in

Messenger Groups 2024: साइबर ठगी का नया तरीका मैसेंजर ग्रुप, कैसे करते मैसेंजर ग्रुप आप पर हमला, जाने इन से सुरक्षित रहने के उपाय

Messenger Groups : डिजिटल युग में बढ़ती हुई सोशल एप्स की लोकप्रियता ने साइबर अपराधियों को भी नए-नए तरीके प्रदान किए हैं। इन हमलों को अपनाने के लिए साइबर ठग अक्सर अनजान सोशल उपयोगकर्ताओं को फर्जी व दुर्भावना पूर्ण मैसेंजर ग्रुप से जोड़ देते हैं। यह मैसेंजर ग्रुप विशिष्ट सामग्री से संबंधित होते हैं, जो सोशल उपयोगकर्ताओं की जरूरत से संबंधित लुभावने लगने लगते हैं। साइबर ठग इस विशिष्ठ सामग्री की जानकारी कुछ इस ढंग से पेश करते हैं, कि सोशल उपभोगकर्ता उनके द्वारा जारी की गई लिंक पर क्लिक करने को मजबूर हो जाते हैं।

Messenger Groups : इस लिंक के माध्यम से साइबर ठग सोशल उपभोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी सांझा कर लेते हैं। और फिर यहीं से उनका ठगी का हमला शुरू हो जाता है। आधुनिक डिजिटल युग में यह स्पैम का नया तरीका है, जो आपको व्यक्तिगत रूप से ठगने के बजाय मैसेंजर ग्रुप के उपयोग से ठगने में लाया जा रहा है। यानी साइबर ठग ने ठगी का यह नया तरीका निकाला है। मैसेंजर ग्रुप से ठगी का शिकार होने से बचने के लिए आप खुद को लगातार अपडेट करते रहें। इसलिए आप अपनी जानकारी पुख्ता करके साइबर ठग के खिलाफ खुद को तैयार कर ले। आईए जानते हैं उनके तरीके…..

विषय बस्तु

Messenger Groups : साइबर ठग कैसे करते हैं मैसेंजर ग्रुप से हमले ?

Messenger Groups : साइबर ठग अपने ठगी को अंजाम देने के लिए मैसेंजर ग्रुप का दुरुपयोग कर कई तरीके के हथकंडे अपनाते रहते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ आम तरीके बता रहे हैं। जो साइबर साइबर ठग द्वारा इस्तेमाल किया जा सकते हैं। जिनसे आपको बचाना है।

फिशिंग ग्रुप

Messenger Groups : इस ग्रुप के माध्यम से साइबर अटैक अपने आप को बैंक, निवेश फर्म या शैक्षिक संस्थानों के रूप में प्रर्दशित करते हैं। साइबर अटैक अपने ग्रुप में ऐसी लिंक वाले संदेश प्रदर्शित करते हैं। जो लोगों को विश्वसनीय वेबसाइट की ओर ले जाने वाली लगने लगते हैं। लेकिन वास्तव में यह नकली पेज या मेलवेयर से संक्रमित साइट पर पहुंच जाती हैं। जिससे आपके साथ ठगी हो जाती है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Channel Join Now

मैलवेयर डिस्ट्रीब्यूशन

Messenger Groups : साइबर ठग, ठगी करने के लिए अध्ययन की सामग्री, निवेश के सुझाव या समाचार पत्र जैसी हानिकारक सामग्रियो में एक फाइल या लिंक के रूप से लोगों को सांझा करते हैं। इन फाइल की लिंक से डाउनलोड होने के बाद ही यह फाइल उनके शिकार किए गए उपकरण पर मैलवेयर इंस्टॉल करके संवेदनशील जानकारियां चुरा लेती हैं। या उनके मोबाइल या सिस्टम की अनाधिकृत एक्सेस प्राप्त कर लेती हैं। और अपने डेटा पर स्टोर कर लेती हैं जिसके माध्यम से यह साइबर ठग ठगी का शिकार करते हैं।

सोशल इंजीनियरिंग

Messenger Groups : साइबर ठग अपने आप को सोशल मीडिया का इंजीनियर बताने की नीति को अपनाते हैं। साइबर ठग सोशल उपयोगकर्ताओं का भरोसा जीतते हैं। फिर साइबर ठग सोशल उपयोगकर्ताओं की जानकारी भ्रमक करके निकलवा लेते हैं। इस तरीके से यह ठगी करते हैं।

स्कैम और फ्रॉड

Messenger Groups : साइबर ठग धोखाधड़ी वाली योजनाओं को अक्सर निवेश के लिए साझा करते हैं। यह ठग शेयर मार्केट या वित्तीय सलाहकार पर केंद्रित ग्रुप को अपना शिकार बनाते हैं। यह ठग निवेश पर ज्यादा रिटर्न का दावा प्रस्तुत करते हैं। और सोशल उपयोगकर्ताओं के पैसे लेकर गायब हो जाते हैं।

Messenger Groups : साइबर ठग कैसे बनाते हैं अपने हमले की रणनीति ?

Messenger Groups : साइबर ठग सबसे पहले उन नामचीन हस्तियों, कपनियों या वेध संस्थाओं को चुनते हैं। जिनका इंटरनेट मार्केट में सबसे ज्यादा विश्वशनीय होती हैं। फिर उनके नाम से मिलते जुलती एक फर्जी वेबसाइट लिंक बनाते हैं। फिर साइबर ठग सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को अपना शिकार बनाते हैं।

ग्रुप बनाना

Messenger Groups : साइबर ठग नामचीन कंपनियां, संगठन और हस्तियों को टारगेट करते हैं। यह ठग उनके मौजूदा ग्रुप में मिलते-जुलते नाम के साथ शामिल हो जाते हैं। और यही से वह सोशल उपयोग कर्ताओं को ठगी करने के लिए टारगेट करना शुरू करते हैं। यह ठग ग्रुप में मौजूद सदस्यों का भरोसा जीतने की पूरी कोशिश करते हैं।

टारगेट मैसेजिंग

Messenger Groups : साइबर ठग संभावित पीड़ितों की पहचान उनके सोशल मीडिया की रुचियों और ऑनलाइन बर्ताव के आधार पर कर लेते है। इसके बाद साइबर ठग उन लोगो को व्यक्तिगत संदेश भेजना शुरू कर देते है। साइबर ठग सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की जानकारी उनकी प्रोफाइल या अन्य ऑनलाइन स्रोतों से एकत्रित कर लेते है। फिर अपना जाल फैलाने लगते हैं।

Messenger Groups : ऐसे रहे साइबर ठग से सुरक्षित

ग्रुप का सत्यापन

Messenger Groups : जब भी आप किसी ग्रुप में जुड़ने जाते हैं, तो उससे जुड़ने से पहले उस ग्रुप का नाम, प्रोफाइल पिक्चर्स और अन्य आवश्यक विवरण को सावधानी पूर्वक जांच लें, तभी ग्रुप में जुड़े। ग्रुप में जुड़ने से पहले यह जांच लें, कि वह ग्रुप किसी ज्ञात संगठन से संबंधित है या नहीं, तथा उस ग्रुप के सदस्य वेध हैं। अगर उस ग्रुप में आपका कोई परिचित व्यक्ति जुड़ा है, तो उसे कॉल करके तुरंत पुष्टि कर ले फिर ग्रुप से जुड़े।

अज्ञात लिंक से सावधान रहें

Messenger Groups : कभी भी एसी कोई अज्ञात लिंक या ऐप को डाउनलोड न करें करे जिसकी जानकारी आपको न हो। लिंक जांचने के लिए लिंक को डेस्कटॉप पर ले जाए और उस लिंक पर अपने माउस का प्वाइंटर ले जाए, ऐसा करने से उस लिंक का असली URL देखने को मिल जाता हैं।

जानकारी देते समय सावधान रहें

Messenger Groups : किसी भी मैसेंजर ग्रुप में अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी सांझा न करें।

डिवाइस को सुरक्षित रखें

अपने मोबाइल के ऐप और ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट करते रहें। इसके अलावा अपने पासवर्ड को मजबूत रखें। अगर आप अपने पासवर्ड के साथ टू फैक्टर प्रमाणीकरण का इस्तेमाल करते है, तो ज्यादा बेहतर परिणाम मिलेंगे।

संदिग्ध गतिविधियों को रिपोर्ट करें

Messenger Groups : यदि आपको कोई एसी संदिग्ध लिंक प्राप्त होती है, तो तुरंत उसकी जानकारी ऐप के सपोर्ट टीम को करें। इससे प्लेटफार्म को एसे फर्जी ग्रुप को हटाने में मदद मिलती हैं।

निष्कर्ष

Messenger Groups : आपने इस लेख में साइबर ठग के हमले के बारे में पढ़ा है। हमे अपने आप को सतर्क रखने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। ताकि हम ठगी का शिकार होने से खुद को तथा अपने परिवार को बचा सके।

अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न- साइबर अटैक कैसे काम करते हैं?

उत्तर- साइबर ठग अपने ठगी को अंजाम देने के लिए मैसेंजर ग्रुप का दुरुपयोग कर कई तरीके के हथकंडे अपनाते रहते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ आम तरीके बता रहे हैं। जो साइबर साइबर ठग द्वारा इस्तेमाल किया जा सकते हैं। जिनसे आपको बचाना है।

प्रश्न- साइबर अटैक कैसे बनाते हैं अपने हमले की रणनीति ?

उत्तर- साइबर ठग सबसे पहले उन नामचीन हस्तियों, कपनियों या वेध संस्थाओं को चुनते हैं। जिनका इंटरनेट मार्केट में सबसे ज्यादा विश्वशनीय होती हैं। फिर उनके नाम से मिलते जुलती एक फर्जी वेबसाइट लिंक बनाते हैं। फिर साइबर ठग सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को अपना शिकार बनाते हैं।

प्रश्न- कैसे रहे साइबर ठग से सुरक्षित ?

उत्तर- जब भी आप किसी ग्रुप में जुड़ने जाते हैं, तो उससे जुड़ने से पहले उस ग्रुप का नाम, प्रोफाइल पिक्चर्स और अन्य आवश्यक विवरण को सावधानी पूर्वक जांच लें, तभी ग्रुप में जुड़े। ग्रुप में जुड़ने से पहले यह जांच लें, कि वह ग्रुप किसी ज्ञात संगठन से संबंधित है या नहीं, तथा उस ग्रुप के सदस्य वेध हैं। अगर उस ग्रुप में आपका कोई परिचित व्यक्ति जुड़ा है, तो उसे कॉल करके तुरंत पुष्टि कर ले फिर ग्रुप से जुड़े।

प्रश्न- साइबर क्राइम क्या है कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर- साइबर ठग अपने ठगी को अंजाम देने के लिए मैसेंजर ग्रुप का दुरुपयोग कर कई तरीके के हथकंडे अपनाते रहते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ आम तरीके बता रहे हैं। जो साइबर साइबर ठग द्वारा इस्तेमाल किया जा सकते हैं। जिनसे आपको बचाना है।
फिशिंग ग्रुप
मैलवेयर डिस्ट्रीब्यूशन
सोशल इंजीनियरिंग
स्कैम और फ्रॉड

प्रश्न- साइबर क्राइम में फार्मिंग क्या है?

उत्तर-  साइबर ठग, ठगी करने के लिए अध्ययन की सामग्री, निवेश के सुझाव या समाचार पत्र जैसी हानिकारक सामग्रियो में एक फाइल या लिंक के रूप से लोगों को सांझा करते हैं। इन फाइल की लिंक से डाउनलोड होने के बाद ही यह फाइल उनके शिकार किए गए उपकरण पर मैलवेयर इंस्टॉल करके संवेदनशील जानकारियां चुरा लेती हैं। या उनके मोबाइल या सिस्टम की अनाधिकृत एक्सेस प्राप्त कर लेती हैं। और अपने डेटा पर स्टोर कर लेती हैं जिसके माध्यम से यह साइबर ठग ठगी का शिकार करते हैं।

प्रश्न- साइबर क्राइम शिकायत कैसे काम करती है?

उत्तर- संदिग्ध गतिविधियों को रिपोर्ट करें
Messenger Groups : यदि आपको कोई एसी संदिग्ध लिंक प्राप्त होती है, तो तुरंत उसकी जानकारी ऐप के सपोर्ट टीम को करें। इससे प्लेटफार्म को एसे फर्जी ग्रुप को हटाने में मदद मिलती हैं।

प्रश्न- सबसे आम साइबर क्राइम क्या है?

उत्तर- मैलवेयर डिस्ट्रीब्यूशन
Messenger Groups : साइबर ठग, ठगी करने के लिए अध्ययन की सामग्री, निवेश के सुझाव या समाचार पत्र जैसी हानिकारक सामग्रियो में एक फाइल या लिंक के रूप से लोगों को सांझा करते हैं। इन फाइल की लिंक से डाउनलोड होने के बाद ही यह फाइल उनके शिकार किए गए उपकरण पर मैलवेयर इंस्टॉल करके संवेदनशील जानकारियां चुरा लेती हैं। या उनके मोबाइल या सिस्टम की अनाधिकृत एक्सेस प्राप्त कर लेती हैं। और अपने डेटा पर स्टोर कर लेती हैं जिसके माध्यम से यह साइबर ठग ठगी का शिकार करते हैं।

प्रश्न- मैं एक स्कैमर को कैसे ट्रैक करूं?

उत्तर- ग्रुप का सत्यापन
Messenger Groups : जब भी आप किसी ग्रुप में जुड़ने जाते हैं, तो उससे जुड़ने से पहले उस ग्रुप का नाम, प्रोफाइल पिक्चर्स और अन्य आवश्यक विवरण को सावधानी पूर्वक जांच लें, तभी ग्रुप में जुड़े। ग्रुप में जुड़ने से पहले यह जांच लें, कि वह ग्रुप किसी ज्ञात संगठन से संबंधित है या नहीं, तथा उस ग्रुप के सदस्य वेध हैं। अगर उस ग्रुप में आपका कोई परिचित व्यक्ति जुड़ा है, तो उसे कॉल करके तुरंत पुष्टि कर ले फिर ग्रुप से जुड़े।

यह भी पढ़े

Career Capital 2024 :करियर में अपनाएं अपने ज्ञान, कौशल और व्यवहार की पूंजी; जानिये सफल करियर पूंजी बनाने के तरीके

Disclaimer : The information published in this Website is only for the immediate Information to the Costumer an does not to be a constitute to be a Legal Document. While all efforts have been made to make the Information available on this Website as Authentic as possible. We are not responsible for any Inadvertent Error that may have crept in the information being published in this Website nad for any loss to anybody or anything caused by any Shortcoming, Defect of the Information on this Website.

मंगलमय शुभकामनयें

प्रिय पाठकों
आशा करता हूं कि आपको दी हुई जानकारी पसंद आई होगी। जानकारी सबसे पहले पाने के लिए हमारे Social Media Join कर सकते हैं, इस जानकारी को अपने दोस्तो, रिश्तेदारों और जरूरत मंद लोगो को Share करे ताकि वो भी इस जानकारी से जागरूक हो सकें। अपने सुझाओं को हमसे सांझा करे। सहयोग के लिए धन्यवाद। आपका दिन मंगलमय हों।

धन्यवाद आपका

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Recent Comments