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Vaccine: वैक्सीन का कवच आपके बच्चे को बनाता है सेहतमंद, जाने नवजात शिशु से लेकर 5 वर्ष की उम्र तक कौन सी वैक्सीन कब लगवानी है?

Vaccine : आपके गृहस्थ जीवन में नवजात बच्चे का आना खुशियों भरा होता है। नवजात बच्चे के आने से घर में खुशियां व किलकारियां गुंजने लगती हैं। क्या आप जानते हैं कि नवजात बच्चे के आने से उस नन्ही सी जान में ढेरों बीमारियां भी हो सकती हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए मेडिकल साइंस ने कुछ वैक्सीन बनाए हैं, जो बच्चों को नियमित रूप से प्रदान की जा सकती हैं। यह वैक्सीन बच्चों के अंदर पाए जाने वाली गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं।

Vaccine : नवजात बच्चे के माता-पिता या अभिभावकों को इन वैक्सीन के बारे में पूर्ण जानकारी होना अति आवश्यक है, और उन्हें अपने नवजात बच्चे के लिए इसकी डोज नियत समय पर जरूर दिलानी चाहिए। जब छोटा बच्चा रोता है या बीमार होता है, तो माता-पिता अधिक परेशान हो जाते हैं। कई बार बच्चों की सेहत का इलाज घर पर किया जाता है, और कई बार इनके इलाज के लिए विशेषज्ञ की आवश्यकता पड़ती है। आज हम अपने लेख में बच्चों से संबंधित उन वैक्सीन का जिक्र करने वाले हैं जो उम्र के अनुसार लगवानी चाहिए। आईए जानते हैं वैक्सीन के बारे में….

विषय बस्तु

Vaccine : जन्म के समय

Vaccine : अधिकांश नवजात शिशुओं को तीन तरह की वैक्सीन की पहली डोज अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पहले ही दे दी जाती है। यह तीन वैक्सीन बीसीजी, पोलियो और हेपेटाइटिस बी होती हैं। बीसीजी नवजात शिशु को ट्यूबरक्लोसिस से बचाता है, वहीं पोलियो बच्चों को पोलियो से बचाता है और हेपेटाइटिस बच्चों के अंदर होने वाले वायरस जौंडिस से सुरक्षित रखने में मदद करता है।

नवजात की 1.5 माह की उम्र में

Vaccine : इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, हेपेटाइटिस बी, एचआईबी, आईवीपी रोटोवायरस और न्यूमोकोकल वैक्सीन नाम के टीके लगाए जाते हैं।
डीपीटी वैक्सीन नवजात शिशु को डिप्थीरिया परट्यूमिनोस और टेटनस जैसे इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करता है। एच. इनफ्लूएंजी के संक्रमण से नवजात बच्चे को होने वाली मैंनेज्वांइटिस, निमोनिया और कान के इन्फेक्शन से एचआईवी वैक्सीन बचाती है। निमोनिया और कान के इंफेक्शन से नवजात बच्चे को न्यू मोकॉकल नाम का इन्फेक्शन भी हो सकता है। अतः न्यूमोकोकल वैक्सीन इस इंफेक्शन से बच्चे की रक्षा करता है।

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नवजात की 2.5 माह की उम्र में

Vaccine : इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, एचआईवी, आईवीपी, रोटावायरस और पीसीवी की दूसरी डोज लगाई जाती है।

नवजात की 3.5 माह की उम्र में

Vaccine : इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, एचआईवी, आईवीपी, रोटावायरस और पीसीवी की तीसरी डोज लगाई जाती है।

नवजात की 6 माह की उम्र में

Vaccine : 6 में के नवजात बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स और हेपेटाइटिस बी की तीसरी डोज लगाई जाती है।

नवजात की 9 माह की उम्र में

Vaccine : 9 माह के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स और मीजल्स का टीका लगाया जाता है।

नवजात की 12 माह की उम्र में

Vaccine : 12 में के बच्चे को हेपेटाइटिस वायरस की वजह से होने वाले जॉन्डिस से बचने के लिए हेपेटाइटिस ए का वैक्सीन लगाना अनिवार्य होता है।

नवजात की 15 माह की उम्र में

Vaccine : 15 माह की आयु के बच्चों को एमएमआर वैक्सीन की पहली डोज लगानी अनिवार्य होती है। इस उम्र में चिकन पॉक्स की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है अतः उससे बचाने के लिए वैरिसेला की पहली डोज लगाई जाती है। इसी उम्र में पीसीबी का बूस्टर डोज भी लगवाना अनिवार्य होता है।

नवजात की 18 माह की उम्र में

Vaccine : इस उम्र के बच्चों को डीपीटी की पहली बूस्टर डोज लगवाई जाती है। एचआईवी बूस्टर, आईबीपी बूस्टर और हेपेटाइटिस ए की दूसरी डोज भी इसी उम्र में लगाना अनिवार्य होता है।

नवजात की 2 वर्ष की उम्र में

Vaccine : इस उम्र में बच्चों को टाइफाइड का खतरा बढ़ने लगता है। अतः उन्हें टाइफाइड से बचाने के लिए उसका टीका लगवाना अनिवार्य होता है। इस टीके को प्रत्येक 3 साल में दोबारा लगवाना चाहिए।

नवजात की 4 से 5 वर्ष की उम्र में

Vaccine : इस उम्र के बच्चों को डीपी, ओबीपी और एमएमआर की दूसरी डोज लगाई जाती है जो बच्चों में होने वाले चिकन फॉक्स से उनकी रक्षा करते हैं।

निष्कर्ष

Vaccine : शिशु विशेषज्ञ का मानना है की यदि हम अपने नवजात शिशु में इन वैक्सीन को यथा समय के अनुसार डोज बच्चों में देते हैं, तो हमारे बच्चों का जीवन संवर जाएगा और हमारे बच्चे जिंदगी भर सेहतमंद बने रहेंगे। अतः आप भी यदि नवजात बच्चे के माता या पिता है, तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ें और अपने डॉक्टर से या अपने विशेषज्ञ से उचित सलाह ले।

अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न- जन्म के समय बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- अधिकांश नवजात शिशुओं को तीन तरह की वैक्सीन की पहली डोज अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पहले ही दे दी जाती है। यह तीन वैक्सीन बीसीजी, पोलियो और हेपेटाइटिस बी होती हैं। बीसीजी नवजात शिशु को ट्यूबरक्लोसिस से बचाता है, वहीं पोलियो बच्चों को पोलियो से बचाता है और हेपेटाइटिस बच्चों के अंदर होने वाले वायरस जौंडिस से सुरक्षित रखने में मदद करता है।

प्रश्न- 1.5 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, हेपेटाइटिस बी, एचआईबी, आईवीपी रोटोवायरस और न्यूमोकोकल वैक्सीन नाम के टीके लगाए जाते हैं।
डीपीटी वैक्सीन नवजात शिशु को डिप्थीरिया परट्यूमिनोस और टेटनस जैसे इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करता है। एच. इनफ्लूएंजी के संक्रमण से नवजात बच्चे को होने वाली मैंनेज्वांइटिस, निमोनिया और कान के इन्फेक्शन से एचआईवी वैक्सीन बचाती है। निमोनिया और कान के इंफेक्शन से नवजात बच्चे को न्यू मोकॉकल नाम का इन्फेक्शन भी हो सकता है। अतः न्यूमोकोकल वैक्सीन इस इंफेक्शन से बच्चे की रक्षा करता है।
नवजात की 2.5 माह की उम्र में

प्रश्न- 2.5 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, एचआईवी, आईवीपी, रोटावायरस और पीसीवी की दूसरी डोज लगाई जाती है।

प्रश्न- 3.5 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, एचआईवी, आईवीपी, रोटावायरस और पीसीवी की तीसरी डोज लगाई जाती है।

प्रश्न- 6 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- 6 में के नवजात बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स और हेपेटाइटिस बी की तीसरी डोज लगाई जाती है।

प्रश्न- 9 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- 9 माह के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स और मीजल्स का टीका लगाया जाता है।

प्रश्न- 12 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- 12 में के बच्चे को हेपेटाइटिस वायरस की वजह से होने वाले जॉन्डिस से बचने के लिए हेपेटाइटिस ए का वैक्सीन लगाना अनिवार्य होता है।

प्रश्न- 15 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- 15 माह की आयु के बच्चों को एमएमआर वैक्सीन की पहली डोज लगानी अनिवार्य होती है। इस उम्र में चिकन पॉक्स की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है अतः उससे बचाने के लिए वैरिसेला की पहली डोज लगाई जाती है। इसी उम्र में पीसीबी का बूस्टर डोज भी लगवाना अनिवार्य होता है।

प्रश्न- 18 माह की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- इस उम्र के बच्चों को डीपीटी की पहली बूस्टर डोज लगवाई जाती है। एचआईवी बूस्टर, आईबीपी बूस्टर और हेपेटाइटिस ए की दूसरी डोज भी इसी उम्र में लगाना अनिवार्य होता है।

प्रश्न- 2 वर्ष की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- इस उम्र में बच्चों को टाइफाइड का खतरा बढ़ने लगता है। अतः उन्हें टाइफाइड से बचाने के लिए उसका टीका लगवाना अनिवार्य होता है। इस टीके को प्रत्येक 3 साल में दोबारा लगवाना चाहिए।

प्रश्न- 4 से 5 वर्ष की उम्र में बच्चों को कौन सा टीका लगता है?

उत्तर- इस उम्र के बच्चों को डीपी, ओबीपी और एमएमआर की दूसरी डोज लगाई जाती है जो बच्चों में होने वाले चिकन फॉक्स से उनकी रक्षा करते हैं।

प्रश्न- वैक्सीन का कवच नवजात बच्चे को सेहतमंद कैसे बनाता है

उत्तर- Vaccine नवजात बच्चे के माता-पिता या अभिभावकों को इन वैक्सीन के बारे में पूर्ण जानकारी होना अति आवश्यक है, और उन्हें अपने नवजात बच्चे के लिए इसकी डोज नियत समय पर जरूर दिलानी चाहिए। जब छोटा बच्चा रोता है या बीमार होता है, तो माता-पिता अधिक परेशान हो जाते हैं। कई बार बच्चों की सेहत का इलाज घर पर किया जाता है, और कई बार इनके इलाज के लिए विशेषज्ञ की आवश्यकता पड़ती है। आज हम अपने लेख में बच्चों से संबंधित उन वैक्सीन का जिक्र करने वाले हैं जो उम्र के अनुसार लगवानी चाहिए।

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