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Navratri : नवरात्रि का यह पावन पर्व 9 देवियों को समर्पित है, जाने नवरात्रि की 9 देवियों का पवित्र नाम और उनका आलय

Navratri : सनातन संस्कृति में नवरात्रि आश्विन मास के महीने के प्रथम दिन से मनाया जाता है। शास्त्रो के अनुसार नवरात्रि में नौ देवियों का चक्र चलता रहता है। यह 9 देवियां शक्ति स्वरूप मां दुर्गा की ही अंश होती हैं। इन नौ दिनों में 9 अष्ट रात्रि देवियों का हर घर में पूजन किया जाता है। इन्हीं के माध्यम से नवरात्रि का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Navratri : इन नवरात्रि में कॉलोनी में जगह-जगह मां दुर्गा की स्थापना की जाती है। नित्य प्रतिदिन उनकी आरती व उनको भोग लगाया जाता है। इस विशिष्ट त्यौहार में मोहल्ले की कन्याओं को भोजन करवाया जाता है। पूरा वातावरण भक्ति में माहौल में डूब जाता है। आईए जानते हैं नवरात्रि के इस पावन पर्व में नौ देवियों का पवित्र नाम और उनके निवास स्थान…..

Navratri : मां शैलपुत्री

Navratri : पौराणिक साहित्य में नौ देवियों के नौ नाम में सबसे प्रथम नाम मां शैलपुत्री का लिया जाता है। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री मां भगवती पार्वती है। माता शैलपुत्री का भव्य मंदिर मोक्ष नगरी काशी में वरुणा सरिता के निकट स्थित है। यहां मां शैलपुत्री के मंदिर की सुंदर छटा देखने योग्य हैं। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से विभिन्न श्रद्धालु नवरात्रि के समय आते हैं। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका मंदिर पहाड़ों में भी स्थित है।

Navratri : मां ब्रह्मचारिणी

Navratri : मां ब्रह्मचारिणी सच्चिदानंद स्वरूप है। जिनका स्वभाव ब्रह्म स्वरुप है उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। इनका विशाल मंदिर काशी में स्थित है। सदानीरा मां गंगा के किनारे बालाजी घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर सुखकर्ता, समृद्धिदायक और मनोकामना पूर्ण करने वाला है।

Navratri : मां चंद्रघंटा

Navratri : भगवती स्वरूप मां चंद्रघंटा चंद्रमा के समान शीतलता और ज्ञान प्रकाश करती हैं। मां चंद्रघंटा के मस्तिष्क पर घंटे के आकार का चंद्रमा सुशोभित है। त्रिवेणी संगम की नगरी प्रयागराज में मां चंद्रघंटा देवी का मंदिर स्थित है। जहां नवरात्रि के अवसर पर देश भर के लोग दर्शन करने आते हैं। व अपनी मनोकामना पूरी करते हैं।

Navratri : मां कूष्मांडा

Navratri : नवरात्रि के चतुर्थ दिवस की देवी हैं मां कूष्मांडा। मां कुष्मांडा का भव्य और विशाल मंदिर कानपुर जिले के घाटमपुर कस्बे में स्थित है। जहां मां देवी पिंडी स्वरूप विराजमान है। जिनके दो मुख हैं। भारतवर्ष के श्रद्धालु के लिए आकर्षण का स्रोत पिंडी से निरंतर निकलता हुआ जल माना जाता है। जिसे भारतवर्ष के लोग पवित्र आशीर्वाद मानकर अपने ललाट पर लगते हैं।

Navratri : मां स्कंदमाता

Navratri : भगवान शिव और भगवती पार्वती के पुत्र षठमुख धारी कार्तिकेय स्कंद कहलाते हैं। मां भगवती अपने पुत्र कार्तिकेय को अपने गोद में लेकर विराजमान है। जिन्हें मां स्कंद माता के नाम से जाना जाता है। मां स्कंदमाता का भव्य और विशाल मंदिर वाराणसी के जगतपुरा क्षेत्र के परिसर में स्थित है। भगवती देवी की गोद में बाल स्वरूप में कार्तिकेय विराजमान है।

Navratri : मां कात्यायनी

Navratri : महर्षि कात्यायन तप करके भगवती देवी को प्रसन्न किया था। और उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त किया था। जिन्हें माता कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। माता कात्यानी की आराधना श्री राधा रानी ने कृष्ण भगवान को पति स्वरूप पाने के लिए की थी। अतः इनका भव्य और विशाल मंदिर श्रीधाम वृंदावन में स्थित है।

Navratri : मां कालरात्रि

Navratri : भगवती देवी के 7वे स्वरूप के रूप में मां कालरात्री को जाना जाता है। मां कालरात्रि स्वरूप में भगवती मां पार्वती ने कई असुरों का संहार किया था। इसलिए इस दिन में उनकी प्रतिमा की उग्र स्वरूप में पूजी जाती है। वाराणसी में मां कालरात्रि का भव्य और विशाल मंदिर स्थित है।

Navratri : मां महागौरी

Navratri : नवरात्रि के अस्त्र रात्रि के आठवें स्वरूप में भगवती गौरी अत्यंत शांत मुद्रा और रूप गौर वर्ण में स्थित हैं। पुराणों की कथा के अनुसार मां भगवती ने महादेव को वर के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस तप के कारण उनका स्वरूप कृष्ण वर्ण हो गया था। तब प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने उनकी काया को गंगाजल से पवित्र कर पुनः लौटाया था। इनका विशाल मंदिर काशी विश्वनाथ में स्थित है।

Navratri : मां सिद्धिदात्री

Navratri : मां सिद्धिदात्री समस्त सिद्धियों की दात्री हैं। मां अपने चतुर्भुज रूप में कमल पुष्प पर विराजमान है। इनका भाव और विशाल मंदिर छिंदवाड़ा में स्थित है।

निष्कर्ष

Navratri : नवरात्रि सनातन धर्म संस्कृति का सबसे पवित्र आप पावन त्योहार माना जाता है। इस त्यौहार में हिंदू श्रद्धालु भगवती मां दुर्गा के अंश स्वरूप मूर्तियों को स्थापित करते हैं। वह 9 दिन तक उनका पूजन करते हैं। इसके उपरांत उनका विसर्जन करते हैं। इन नौ दिनों में विशिष्ट सामाजिक आयोजन हिंदू धर्म के लोग श्रद्धा भाव से करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न- 9 माताओं का नाम क्या है?

उत्तर- मां शैलपुत्री
मां ब्रह्मचारिणी
मां चंद्रघंटा
मां कूष्मांडा
मां स्कंदमाता
मां कात्यायनी
मां कालरात्रि
मां महागौरी
मां सिद्धिदात्रीउत्तर- 

प्रश्न- नौ देवियों में से सबसे बड़ी देवी कौन सी है?

उत्तर- पौराणिक साहित्य में नौ देवियों के नौ नाम में सबसे प्रथम नाम मां शैलपुत्री का लिया जाता है। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री मां भगवती पार्वती है। माता शैलपुत्री का भव्य मंदिर मोक्ष नगरी काशी में वरुणा सरिता के निकट स्थित है। यहां मां शैलपुत्री के मंदिर की सुंदर छटा देखने योग्य हैं। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से विभिन्न श्रद्धालु नवरात्रि के समय आते हैं। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका मंदिर पहाड़ों में भी स्थित है।

प्रश्न- दुर्गा किसकी बेटी थी?

उत्तर- पौराणिक साहित्य में नौ देवियों के नौ नाम में सबसे प्रथम नाम मां शैलपुत्री का लिया जाता है। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री मां भगवती पार्वती है।

प्रश्न- शक्तिशाली देवी कौन है?

उत्तर- भगवती देवी के 7वे स्वरूप के रूप में मां कालरात्री को जाना जाता है। मां कालरात्रि स्वरूप में भगवती मां पार्वती ने कई असुरों का संहार किया था। इसलिए इस दिन में उनकी प्रतिमा की उग्र स्वरूप में पूजी जाती है। वाराणसी में मां कालरात्रि का भव्य और विशाल मंदिर स्थित है।

प्रश्न- मां दुर्गा किसका अवतार है?

उत्तर- मां भगवती पार्वती

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