Navratri Nutrition Diet : नवरात्रि महोत्सव में उपासक को लगातार 9 दिन का उपवास करना होता है। इसलिए उपासक को अपने फलाहार के आहार में ऊर्जा के साथ पोषक तत्व की भी आवश्यकता होती है। व्रत में खाए जाने वाले कद्दू, फल सिंघाड़ा, खीर, मेवों, साबुदानो और दूध के उत्पादन में कई प्रकार के पोषक गुण पाए जाते हैं। उपासक को इनका सेवन इस प्रकार करना चाहिए, कि उसे न केवल पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त हो बल्कि उसके शरीर को भरपूर मात्रा में पोषण तत्व भी प्राप्त हो।
Navratri Nutrition Diet : दूध की बनी हुई वस्तुएं जैसे पनीर, दही और खीर यह प्रोटीन के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। लेकिन दूध से उत्पादन की वस्तुओं के साथ सिंघाड़े के आटे का सेवन करते हैं, तो शरीर में अधिक पोषक तत्व प्राप्त होते है। वास्तव में दूध और दही में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन इसमें रेशा न होने की वजह से कभी-कभी ये कब्ज और एसिडिटी की समस्या उत्पन्न करते हैं। यदि इनका सेवन सिंघाड़े के आटे के साथ किया जाए, तो यह पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
Navratri Nutrition Diet : दही और साबूदाने का आहार
Navratri Nutrition Diet : नवरात्रि में उपवास के दौरान दही के साथ यदि साबूदाने का सेवन करते हैं, तो यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि दही पाचन क्रिया का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। और साबूदाना में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा और पोषक तत्व होते हैं। इसलिए दही के साथ इसका संतुलन सबसे ज्यादा फायदेमंद माना गया है।
Navratri Nutrition Diet : दूध के उत्पाद और फल का आहार
Navratri Nutrition Diet : नवरात्रि में व्रत के दौरान यदि उपासक दूध और दही के साथ फलक का अपने आहार में उपयोग करते हैं, तो इससे उन्हें अधिक ऊर्जा और पोषक तत्व प्राप्त होंगे। केले को दूध में डालकर शेक बनाकर और अनार को दही में डालकर सेवन करने से अधिक मात्रा में खनिज और विटामिन की पूर्ति की जा सकती है। इस प्रकार के आहार से उपासक को रेशा भी प्राप्त हो जाता है।
Navratri Nutrition Diet : साबूदाना और आलू का आहार
Navratri Nutrition Diet : साबूदाने में फाइबर नहीं पाया जाता है। लेकिन इसमें आलू को मिलने से पर्याप्त मात्रा में रेशे मिल जाते हैं। और इससे साबूदाने की गुणवत्ता बहुत अधिक बड़ जाती है। इस आहार से उपासक को पर्याप्त मात्रा में खनिज, प्रोटीन और पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं। लेकिन यदि उपासक का वजन ज्यादा है, तो उसे इस प्रकार के आहार को सीमित रखना चाहिए।
Navratri Nutrition Diet : मेवों का आहार
Navratri Nutrition Diet : कई लोग तले हुए साबूदाने का आहार व्रत में नहीं करते हैं। इसलिए वे लोग सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू, मूंगफली और अखरोट आदि का सेवन अपने आहार के लिए कर सकते हैं। इन सूखे मेवा में उन्हें न केवल प्रोटीन प्राप्त होगा बल्कि बहुत सारे खनिज और पोषक तत्व भी प्राप्त होंगे। इसमें वसा का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। जो हृदय के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। इसलिए इनका सेवन साबूदाने के साथ मिलाकर करने से अधिक फायदा प्राप्त होता है।
Navratri Nutrition Diet : ज्यादा ऊर्जा के लिए आहार
Navratri Nutrition Diet : यदि उपासक सुबह-सुबह सूखे मेंवो का सेवन करता है। तो उनके पेट में एसिडिटी व कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होती है। और सुबह के समय सूखे मेवों का इस्तेमाल करने से पोषक तत्व अधिक मात्रा में मिल जाते हैं। उपासक को नवरात्रि के व्रत के दौरान किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है।
Navratri Nutrition Diet : इस प्रकार से बनाएं पोषण युक्त आहार
Navratri Nutrition Diet : साबूदाने, आलू और समा सिर्फ खिचड़ी ही नहीं बनती है। बल्कि इसके इस्तेमाल से कई तरीके के स्वादिष्ट और पोषण युक्त आहार बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही अपने आहार में दूध के उत्पादों को मिलाकर यदि सेवन करते है, तो आपके शरीर में विभिन्न प्रकार के खनिज और पोषण तत्व प्राप्त होंगे।
- समा बसंती पुलाव।
- कोकोनट के साथ दूध का कस्टर्ड।
- सागो का मिष्टी भात।
- राजगिरा कस्टर्ड आलू समा पुलाव।
निष्कर्ष
Navratri Nutrition Diet : नवरात्रि के व्रत के दौरान उपासक को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उसको अपनी आहार में पोषण तत्व युक्त फलाहार को ग्रहण करना चाहिए। ताकि उपासक को पर्याप्त मात्रा में खनिज व प्रोटीन मिलता रहे।
अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- नवरात्रि व्रत के दिनों में क्या खाना चाहिए?
उत्तर- दूध की बनी हुई वस्तुएं जैसे पनीर, दही और खीर यह प्रोटीन के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। लेकिन दूध से उत्पादन की वस्तुओं के साथ सिंघाड़े के आटे का सेवन करते हैं, तो शरीर में अधिक पोषक तत्व प्राप्त होते है। वास्तव में दूध और दही में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन इसमें रेशा न होने की वजह से कभी-कभी ये कब्ज और एसिडिटी की समस्या उत्पन्न करते हैं। यदि इनका सेवन सिंघाड़े के आटे के साथ किया जाए, तो यह पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
प्रश्न- नवरात्रि में डाइट कैसे करें?
उत्तर- नवरात्रि में व्रत के दौरान यदि उपासक दूध और दही के साथ फलक का अपने आहार में उपयोग करते हैं, तो इससे उन्हें अधिक ऊर्जा और पोषक तत्व प्राप्त होंगे। केले को दूध में डालकर शेक बनाकर और अनार को दही में डालकर सेवन करने से अधिक मात्रा में खनिज और विटामिन की पूर्ति की जा सकती है। इस प्रकार के आहार से उपासक को रेशा भी प्राप्त हो जाता है
प्रश्न- नवरात्रि के 9 दिनों में क्या खाना चाहिए?
उत्तर- नवरात्रि महोत्सव में उपासक को लगातार 9 दिन का उपवास करना होता है। इसलिए उपासक को अपने फलाहार के आहार में ऊर्जा के साथ पोषक तत्व की भी आवश्यकता होती है। व्रत में खाए जाने वाले कद्दू, फल सिंघाड़ा, खीर, मेवों, साबुदानो और दूध के उत्पादन में कई प्रकार के पोषक गुण पाए जाते हैं। उपासक को इनका सेवन इस प्रकार करना चाहिए, कि उसे न केवल पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त हो बल्कि उसके शरीर को भरपूर मात्रा में पोषण तत्व भी प्राप्त हो।
प्रश्न- क्या मैं नवरात्रि में रोटी खा सकती हूं?
उत्तर- साबूदाने में फाइबर नहीं पाया जाता है। लेकिन इसमें आलू को मिलने से पर्याप्त मात्रा में रेशे मिल जाते हैं। और इससे साबूदाने की गुणवत्ता बहुत अधिक बड़ जाती है। इस आहार से उपासक को पर्याप्त मात्रा में खनिज, प्रोटीन और पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं। लेकिन यदि उपासक का वजन ज्यादा है, तो उसे इस प्रकार के आहार को सीमित रखना चाहिए।
प्रश्न- व्रत में कौन सा फल खाना चाहिए?
उत्तर- नवरात्रि में व्रत के दौरान यदि उपासक दूध और दही के साथ फलक का अपने आहार में उपयोग करते हैं, तो इससे उन्हें अधिक ऊर्जा और पोषक तत्व प्राप्त होंगे। केले को दूध में डालकर शेक बनाकर और अनार को दही में डालकर सेवन करने से अधिक मात्रा में खनिज और विटामिन की पूर्ति की जा सकती है। इस प्रकार के आहार से उपासक को रेशा भी प्राप्त हो जाता है।
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