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changes of puberty 2024 : बच्चियों में जल्दी आ रही है प्यूबर्टी, जाने कैसे हो रहा है प्यूबर्टी का परिवर्तन, इस तरह रखें अभिभावक बच्चियों का ध्यान

changes of puberty : आज के समय की जीवन शैली और अन्य बदलाव होने के कारण प्यूबर्टी यानी यौवनारंभ की शुरुआत लड़कियों में जल्दी ही देखने को मिल रही है। यह बच्चियों का वह समय होता है, जब उन्हें शारीरिक, मानसिक व हार्मोनल बदलाव महसूस होने लगते हैं। लड़कियों में यह शारीरिक व हार्मोनल बदलाव होने के कारण उनकी वयस्कता बढ़ने लगती है, और उन्हें पीरियड यानी मासिक धर्म की शुरुआत होने लगती है।

changes of puberty : भारतीय विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कम से कम 1.5 करोड़ बच्चियां बहुत ही जल्दी प्यूबर्टी का अनुभव करने लगी है। जब बच्चियों में प्यूबर्टी का समय आता है, तो उनका बचपन चुलबुलापन और मासूमियत बहुत ही जल्द तनाव में बदल जाता है। आज के समय का माहौल और जीवन शैली बच्चों को समय रहते समय से पहले बड़ा करते चले आ रहे हैं ।

विषय बस्तु

changes of puberty : कैसे हो रहा है प्यूबर्टी की उम्र में परिवर्तन ?

changes of puberty : वास्तव में मासिक धर्म की प्रक्रिया पहले लड़कियों में 15 से 16 साल की उम्र में देखने को मिलती थी। लेकिन फिर इसकी आयु घट कर 12 से 13 वर्ष हो गई। और आज के समय में प्यूबर्टी 7 से 9 साल की उम्र में शुरू हो जाती है।

changes of puberty : कैसे प्रेरित होता है प्यूबर्टी का आगमन ?

changes of puberty : आज की जीवन शैली में बच्चे लगातार सोशल मीडिया देखते चले जा रहे हैं। जिससे इसका गहरा प्रभाव उनके मस्तिष्क खास तौर से पिट्यूटरी ग्रंथि पर देखने को मिलता है। जब यह ग्रंथि बहुत उत्तेजित होने लगती है, तो बच्चों के शरीर में हार्मोन का स्राव करने लगती है। जो उसके बाद उनके शरीर में शारीरिक बदलाव को उत्प्रेरित करने लगता है। वास्तव में यही प्रक्रिया बच्चों में जल्दी प्यूबर्टी के आगमन को प्रेरित करने लगती है।

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changes of puberty : प्यूबर्टी के बदलाव से क्या मुश्किल होती हैं ?

changes of puberty : प्यूबर्टी में होने वाले बदलाव के कारण आज के समय में लड़कियों में कुछ स्वास्थ समस्या उत्पन्न होने लगती हैं। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है, कि सभी को यह समस्या समान रूप में हो। प्यूबर्टी जल्दी होने से किसी को मोटापा, किसी को मधुमेह और किसी को हार्मोनल बीमारियों का जोखिम बढ़ने लगता है। ऐसा होने पर उनका कद वास्तविक अवस्था से छोटा हो सकता है। क्योंकि उनकी हड्डियों की वृद्धि रुक जाती है।

changes of puberty : कैसे हो रहा है प्यूबर्टी में परिवर्तन ?

  • changes of puberty : आज के समय में बच्चों के खानपान और जीवन शैली में प्यूबर्टी के बदलाव होने का सबसे बड़ा कारण है। जंक फूड, ज्यादा कैलोरी वाला भोजन और मोटापा भी इसका एक कारण हो सकता है।
  • शरीर में जमा हुआ अतिरिक्त बसा हार्मोन का उत्पादन करने लगता है। जो प्यूबर्टी को जल्दी होने के लिए उकसाता है।
  • शरीर में एस्ट्रोजन का अधिक उत्पादन होने के कारण जल्दी प्यूबर्टी होने लगती है।
  • प्लास्टिक और अन्य प्रकार के उत्पादन में पाए जाने वाले रसायन भी हार्मोन तंत्र को पर असर डालते हैं।
  • यदि परिवार में किसी को जल्दी प्यूबर्टी की समस्या उत्पन्न हुई है, तो इसका असर अगली पीढ़ी पर पड़ता है।

changes of puberty : प्यूबर्टी का क्या मानसिक कारण हो सकता हैं?

  • changes of puberty : लड़कियों में पारिवारिक तनाव जैसे- विवाद, दुर्व्यवहार, अपेक्षा आदि भी प्यूबर्टी की शुरुआत कर सकता है।
  • अपने माता-पिता की अनुपस्थिति या उनके विफल पारिवारिक वातावरण का असर लड़कियों में देखने को मिलता है।
  • साथ में पढ़ने वाले सहपाठियों के व्यवहार से लड़कियां जल्द ही मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो जाती हैं।
  • अन्य किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव भी इसकी एक बड़ी वजह बन सकता है।

changes of puberty : प्यूबर्टी से लड़कियों की मानसिक परेशानी

ओरिजिन व चिंता

changes of puberty : छोटी छोटी बच्चियों को शारीरिक बदलावों को समझना सबसे कठिन काम होता है। उन्हें यह चिंता हमेशा लगी रहती है, की क्या उनका शरीर ठीक है?

शारीरिक छवि

changes of puberty : ऐसा होने पर लड़कियों में शारीरिक छवि के प्रति असुरक्षा की भावना उत्पन्न होने लगती है। जिसकी वजह से वह अपने आप को अपने साथियों से अलग महसूस करती हैं। ऐसा होने पर उनमें आत्मविश्वास की कमी आती है।

बड़ा महसूस होना

changes of puberty : लड़कियां अपने आप को अपनी साथियों की तुलना में शारीरिक रूप से बड़ा महसूस करती हैं। जिससे उनमें मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।

व्यवहार में परिवर्तन

changes of puberty : लड़कियों में शारीरिक बदलाव होने के कारण, तनाव व मानसिक दबाव उत्पन्न होने लगता है। जिसकी वजह से उनके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है। और कभी-कभी उन्हें अवसाद का भी सामना करना पड़ सकता है।

changes of puberty : कैसे रखें अभिभावक बच्चियों का ध्यान ?

  • changes of puberty : बच्चों को जंक फूड और ज्यादा बसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन करने से रोकें। उन्हें ताजा फल, सब्जियां और पोषक तत्वों से भरपूर आहार प्रदान करें।
  • बच्चों को नियमित रूप से खेलकूद करने और एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करें। यह उनके शरीर को स्वस्थ और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा।
  • रसायन पदार्थ, प्लास्टिक के बर्तन और प्रोसेस्ड फूड से बच्चों की दूरी बनाए रखें।
  • बच्चों से बातचीत करने की कोशिश करें, और उनकी भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान भी रखें। परिवार का आत्मिक सहारा उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष

changes of puberty : प्यूबर्टी की शुरुआत होने पर पहले और बाद में अपने बच्चियों को विशेषज्ञ से जरूर मिलवाए तथा उसे प्यूबर्टी के बारे में सब कुछ समझाएं। इस बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए कई देशों में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया का उपयोग करने पर बैन लगा दिया गया है। तथा कई देशों में टीवी पर दिखाए जाने वाले जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगाने की भी तैयारी कर रखी है। अतः हमें भी अपने बच्चों के जीवन शैली का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न- कैसे हो रहा है प्यूबर्टी की उम्र में परिवर्तन ?

उत्तर- वास्तव में मासिक धर्म की प्रक्रिया पहले लड़कियों में 15 से 16 साल की उम्र में देखने को मिलती थी। लेकिन फिर इसकी आयु घट कर 12 से 13 वर्ष हो गई। और आज के समय में प्यूबर्टी 7 से 9 साल की उम्र में शुरू हो जाती है।

प्रश्न- कैसे प्रेरित होता है प्यूबर्टी का आगमन ?

उत्तर- आज की जीवन शैली में बच्चे लगातार सोशल मीडिया देखते चले जा रहे हैं। जिससे इसका गहरा प्रभाव उनके मस्तिष्क खास तौर से पिट्यूटरी ग्रंथि पर देखने को मिलता है। जब यह ग्रंथि बहुत उत्तेजित होने लगती है, तो बच्चों के शरीर में हार्मोन का स्राव करने लगती है। जो उसके बाद उनके शरीर में शारीरिक बदलाव को उत्प्रेरित करने लगता है। वास्तव में यही प्रक्रिया बच्चों में जल्दी प्यूबर्टी के आगमन को प्रेरित करने लगती है।

प्रश्न- प्यूबर्टी के बदलाव से क्या मुश्किल होती हैं ?

उत्तर- प्यूबर्टी में होने वाले बदलाव के कारण आज के समय में लड़कियों में कुछ स्वास्थ समस्या उत्पन्न होने लगती हैं। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है, कि सभी को यह समस्या समान रूप में हो। प्यूबर्टी जल्दी होने से किसी को मोटापा, किसी को मधुमेह और किसी को हार्मोनल बीमारियों का जोखिम बढ़ने लगता है। ऐसा होने पर उनका कद वास्तविक अवस्था से छोटा हो सकता है। क्योंकि उनकी हड्डियों की वृद्धि रुक जाती है।

प्रश्न- कैसे हो रहा है प्यूबर्टी में परिवर्तन ?

उत्तर- आज के समय में बच्चों के खानपान और जीवन शैली में प्यूबर्टी के बदलाव होने का सबसे बड़ा कारण है। जंक फूड, ज्यादा कैलोरी वाला भोजन और मोटापा भी इसका एक कारण हो सकता है।
शरीर में जमा हुआ अतिरिक्त बसा हार्मोन का उत्पादन करने लगता है। जो प्यूबर्टी को जल्दी होने के लिए उकसाता है।
शरीर में एस्ट्रोजन का अधिक उत्पादन होने के कारण जल्दी प्यूबर्टी होने लगती है।
प्लास्टिक और अन्य प्रकार के उत्पादन में पाए जाने वाले रसायन भी हार्मोन तंत्र को पर असर डालते हैं।
यदि परिवार में किसी को जल्दी प्यूबर्टी की समस्या उत्पन्न हुई है, तो इसका असर अगली पीढ़ी पर पड़ता है।

प्रश्न- प्यूबर्टी का क्या मानसिक कारण हो सकता हैं?

उत्तर- लड़कियों में पारिवारिक तनाव जैसे- विवाद, दुर्व्यवहार, अपेक्षा आदि भी प्यूबर्टी की शुरुआत कर सकता है।
अपने माता-पिता की अनुपस्थिति या उनके विफल पारिवारिक वातावरण का असर लड़कियों में देखने को मिलता है।
साथ में पढ़ने वाले सहपाठियों के व्यवहार से लड़कियां जल्द ही मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो जाती हैं।
अन्य किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव भी इसकी एक बड़ी वजह बन सकता है।

प्रश्न- कैसे रखें अभिभावक बच्चियों का ध्यान ?

उत्तर- बच्चों को जंक फूड और ज्यादा बसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन करने से रोकें। उन्हें ताजा फल, सब्जियां और पोषक तत्वों से भरपूर आहार प्रदान करें।
बच्चों को नियमित रूप से खेलकूद करने और एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करें। यह उनके शरीर को स्वस्थ और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा।
रसायन पदार्थ, प्लास्टिक के बर्तन और प्रोसेस्ड फूड से बच्चों की दूरी बनाए रखें।
बच्चों से बातचीत करने की कोशिश करें, और उनकी भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान भी रखें। परिवार का आत्मिक सहारा उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

प्रश्न- प्यूबर्टी से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- आज के समय की जीवन शैली और अन्य बदलाव होने के कारण प्यूबर्टी यानी यौवनारंभ की शुरुआत लड़कियों में जल्दी ही देखने को मिल रही है। यह बच्चियों का वह समय होता है, जब उन्हें शारीरिक, मानसिक व हार्मोनल बदलाव महसूस होने लगते हैं। लड़कियों में यह शारीरिक व हार्मोनल बदलाव होने के कारण उनकी वयस्कता बढ़ने लगती है, और उन्हें पीरियड यानी मासिक धर्म की शुरुआत होने लगती है।

प्रश्न- लड़कियां जवान कब होती हैं?

उत्तर- वास्तव में मासिक धर्म की प्रक्रिया पहले लड़कियों में 15 से 16 साल की उम्र में देखने को मिलती थी। लेकिन फिर इसकी आयु घट कर 12 से 13 वर्ष हो गई। और आज के समय में प्यूबर्टी 7 से 9 साल की उम्र में शुरू हो जाती है।

प्रश्न- भावनात्मक रूप से लड़की में यौवन के पहले लक्षण क्या हैं?

उत्तर- ओरिजिन व चिंता
छोटी छोटी बच्चियों को शारीरिक बदलावों को समझना सबसे कठिन काम होता है। उन्हें यह चिंता हमेशा लगी रहती है, की क्या उनका शरीर ठीक है?
शारीरिक छवि
ऐसा होने पर लड़कियों में शारीरिक छवि के प्रति असुरक्षा की भावना उत्पन्न होने लगती है। जिसकी वजह से वह अपने आप को अपने साथियों से अलग महसूस करती हैं। ऐसा होने पर उनमें आत्मविश्वास की कमी आती है।
बड़ा महसूस होना
लड़कियां अपने आप को अपनी साथियों की तुलना में शारीरिक रूप से बड़ा महसूस करती हैं। जिससे उनमें मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।
व्यवहार में परिवर्तन
लड़कियों में शारीरिक बदलाव होने के कारण, तनाव व मानसिक दबाव उत्पन्न होने लगता है। जिसकी वजह से उनके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है। और कभी-कभी उन्हें अवसाद का भी सामना करना पड़ सकता है।

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