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Rich or Lakshmivan 2024 : अपनी लक्ष्मी को पहचानिए ll आप ” धनवान ” हैं या ” लक्ष्मीवान “

Rich or Lakshmivan : लोगों का मानना है कि जिनके पास बहुत सारा धन, दौलत, आलीशान बंगला, शानदार गाड़ियां और महंगे गहने कपड़े होते हैं। वही व्यक्ति धनवान कहलाते हैं, वास्तव में यह अधूरा सच है। संपूर्ण सच यह कहता है, कि सिर्फ धन होना वास्तविक लक्ष्मी नहीं माना जाता है। वास्तविक लक्ष्मी उन्हें माना जाता है, जिनकी कृपा से हमारे जीवन और जगत को समग्रता और समृद्धि प्राप्त होती है। हमारे वेद पुराणों में लक्ष्मी जी के अनेक रूपों का वर्णन किया गया है। जिसमें से धनलक्ष्मी भी एक है। सिर्फ एक कथन पर टिककर और शेष लक्ष्मियों को छोड़कर लोग “धनवान” हो सकते हैं लेकिन “लक्ष्मीवान” नहीं।

Rich or Lakshmivan : जीवन में अपार सफलता समृद्धि और धन को यदि आप देख रहे हैं। उसी से आप अपने आप को धनवान मान रहे हैं, तो यह आपकी गलतफहमी है। वास्तव में यदि आप अच्छे लक्ष्मीवान है, तो आपका जीवन ज्यादा सुख में व्यतीत होता है। आईए जानते हैं…..

Rich or Lakshmivan : धनवान

Rich or Lakshmivan : ऐसा माना जाता है, कि जिनके पास बहुत सारा धन, आलीशान बंगला, महंगी गाड़ियां और बहुत सारा पैसा हो वही व्यक्ति धनवान होता है। वास्तव ऐसा मानना कोई गलत राय नहीं है। ऐसे लोग सामाजिक दृष्टि से अधिक धनवान माने जाते हैं। इनका व्यक्तिगत जीवन आम लोगों के अपेक्षा अलग होता है। लेकिन यदि उनके घर में महिलाओं के प्रति सम्मान नहीं होता है, तो यह व्यक्ति सिर्फ धनवान माने जा सकते हैं लक्ष्मीवान नहीं।

Rich or Lakshmivan : लक्ष्मीवान

Rich or Lakshmivan : स्त्री को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। और पुराणों में भी इस कथन की पुष्टि होती है, कि जहां स्त्री का सम्मान होता है वहां लक्ष्मी का वास होता हैं। शास्त्रों में स्त्री को कई रूप में जाना गया है। परिवार ने बेटी के जन्म पर उल्लास में लोग कहते है कि “घर में लक्ष्मी का आगमन हुआ है” ।

Rich or Lakshmivan : जब स्त्री दुल्हन बनकर ससुराल जाती है तो उसे “ग्रह लक्ष्मी” माना जाता है। जब स्त्री मां बनती है, तो उसे लक्ष्मीश्वरूपा माना जाता है। जब बन भोजन बनाकर अपने परिवार का पोषण करती है, तो उसे अन्नपूर्णा माना जाता है। अतः सनातन धर्म में लक्ष्मी के 5 स्वरूप बताए गए है।
बेटी, बहु, पत्नी, बहन और मां

इसके अतिरिक्त भी लक्ष्मी जी के कई स्वरूप है आईए जानते है….

Rich or Lakshmivan : ग्रह लक्ष्मी

Rich or Lakshmivan : जब स्त्री दुल्हन बनकर ससुराल जाती है तो उसे “ग्रह लक्ष्मी” माना जाता है। पुराणों में संसार के पालक भगवान विष्णु है। और उनकी शक्ति स्वरूपा मां लक्ष्मी हैं । ठीक इसी प्रकार एक पत्नी अपने पति के साथ गृह लक्ष्मी बनकर परिवार का पालन करती है। अर्थात स्त्री को ग्रह लक्ष्मी भी कहा जाता है।

Rich or Lakshmivan : प्रकृति लक्ष्मी

Rich or Lakshmivan : पुराणों के अनुसार मां पार्वती पर्वत राज हिमालय की पुत्री है। मां लक्ष्मी सागर की पुत्री है। मां गंगा और यमुना हिमालय से निकली है। ये सभी नदिया प्रकृति के स्वरूप से प्रकट हुई है। अर्थात पर्वत, जल, नदियां और जंगल सभी प्राकृतिक लक्ष्मी के स्वरूप है। और इन्हीं के माध्यम से हम खाद्यान्न और वनस्पतियां प्राप्त करते है। धरती को मां और धान्य को लक्ष्मी कहने का मूल भाव यही है।

Rich or Lakshmivan : राष्ट्र लक्ष्मी

Rich or Lakshmivan : दुनिया भर के देशों के अपेक्षा भारत ही एक ऐसा देश है। जिसे माता की संज्ञा दी गई है। अनादि काल से ही भारत की एक और हिमालय पर्वत देश सुरक्षा बनाए रखे हैं। तो देश की 3 दिशाओं में सागर से संरक्षित हमारा राष्ट्र माता के समान सम्मानित, संगमर्थ, संगठित और संपन्न है। भारत देश की नदी, पर्वत, सागर, सेतु और अनेक सुविधाएं हैं, जो सब राष्ट्र की लक्ष्मी मानी जाती हैं।

Rich or Lakshmivan : इसलिए जब कभी प्राकृतिक आपदाओं में कोई नुकसान हो जाता है, तो कहा जाता है, कि राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान किया गया है। यह प्रतीक बताते हैं, कि राष्ट्र की सीमाओं के बीच होने वाले समृद्धि को राष्ट्र लक्ष्मी कहा जाता है।

Rich or Lakshmivan : स्वास्थ्य लक्ष्मी

Rich or Lakshmivan : भारत देश में चर्चित कहावतों में कहा गया है, कि “सबसे बड़ा सुख निरोगी काया” को माना गया है। इन कहावतें से यह भी स्पष्ट होता है, कि जीवन के लिए धन कमाना बहुत आवश्यक है। किंतु धन से बढ़कर एक उत्तम स्वास्थ्य होना भी बहुत आवश्यक होता है। यदि हम बहुत अधिक धनवान हैं। लेकिन हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो हम तो हमारा धन बेकार है। पुराने समय में लोगों के पास ज्यादा धन नहीं होता था। लेकिन उनका स्वास्थ्य और सेहत बहुत अच्छी रहती थी। वह अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग थे। इसलिए स्वास्थ्य लक्ष्मी होना बहुत आवश्यक होता है।

निष्कर्ष

Rich or Lakshmivan : इस दिवाली के पावन पर्व पर हमे धनवान होकर नहीं रहना है। हमें लक्ष्मीवान बनना है। और अपनी परिवार की समस्त लक्ष्मीयों का सादर सम्मान भी करना है। तथा हमें राष्ट्र की लक्ष्मी, प्राकृतिक लक्ष्मी और स्वस्थ लक्ष्मी का भी सम्मान करना है। ताकि हम अपने परिवार के साथ दीपावली की खुशियां प्रसन्नतापूर्वक मना सके और लोगों को प्रसन्न रख सकें।

अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न- घर में लक्ष्मी का वास कब होता है?

उत्तर-  लोगों का मानना है कि जिनके पास बहुत सारा धन, दौलत, आलीशान बंगला, शानदार गाड़ियां और महंगे गहने कपड़े होते हैं। वही व्यक्ति धनवान कहलाते हैं, वास्तव में यह अधूरा सच है। संपूर्ण सच यह कहता है, कि सिर्फ धन होना वास्तविक लक्ष्मी नहीं माना जाता है। वास्तविक लक्ष्मी उन्हें माना जाता है, जिनकी कृपा से हमारे जीवन और जगत को समग्रता और समृद्धि प्राप्त होती है। हमारे वेद पुराणों में लक्ष्मी जी के अनेक रूपों का वर्णन किया गया है। जिसमें से धनलक्ष्मी भी एक है।

प्रश्न- धनवान कौन कहलाते है ?

उत्तर-  ऐसा माना जाता है, कि जिनके पास बहुत सारा धन, आलीशान बंगला, महंगी गाड़ियां और बहुत सारा पैसा हो वही व्यक्ति धनवान होता है। वास्तव ऐसा मानना कोई गलत राय नहीं है। ऐसे लोग सामाजिक दृष्टि से अधिक धनवान माने जाते हैं। इनका व्यक्तिगत जीवन आम लोगों के अपेक्षा अलग होता है। लेकिन यदि उनके घर में महिलाओं के प्रति सम्मान नहीं होता है, तो यह व्यक्ति सिर्फ धनवान माने जा सकते हैं लक्ष्मीवान नहीं।

प्रश्न- लक्ष्मीवान कौन कहलाते है ?

उत्तर-  स्त्री को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। और पुराणों में भी इस कथन की पुष्टि होती है, कि जहां स्त्री का सम्मान होता है वहां लक्ष्मी का वास होता हैं। शास्त्रों में स्त्री को कई रूप में जाना गया है। परिवार ने बेटी के जन्म पर उल्लास में लोग कहते है कि “घर में लक्ष्मी का आगमन हुआ है” । जब स्त्री दुल्हन बनकर ससुराल जाती है तो उसे “ग्रह लक्ष्मी” माना जाता है। जब स्त्री मां बनती है, तो उसे लक्ष्मीश्वरूपा माना जाता है। जब बन भोजन बनाकर अपने परिवार का पोषण करती है, तो उसे अन्नपूर्णा माना जाता है। अतः सनातन धर्म में लक्ष्मी के 5 स्वरूप बताए गए है।
बेटी, बहु, पत्नी, बहन और मां

प्रश्न- ग्रह लक्ष्मी कौन होती है ?

उत्तर-  जब स्त्री दुल्हन बनकर ससुराल जाती है तो उसे “ग्रह लक्ष्मी” माना जाता है। पुराणों में संसार के पालक भगवान विष्णु है। और उनकी शक्ति स्वरूपा मां लक्ष्मी हैं । ठीक इसी प्रकार एक पत्नी अपने पति के साथ गृह लक्ष्मी बनकर परिवार का पालन करती है। अर्थात स्त्री को ग्रह लक्ष्मी भी कहा जाता है।

प्रश्न- प्रकृति लक्ष्मी कौन होती है ?

उत्तर-   पुराणों के अनुसार मां पार्वती पर्वत राज हिमालय की पुत्री है। मां लक्ष्मी सागर की पुत्री है। मां गंगा और यमुना हिमालय से निकली है। ये सभी नदिया प्रकृति के स्वरूप से प्रकट हुई है। अर्थात पर्वत, जल, नदियां और जंगल सभी प्राकृतिक लक्ष्मी के स्वरूप है। और इन्हीं के माध्यम से हम खाद्यान्न और वनस्पतियां प्राप्त करते है। धरती को मां और धान्य को लक्ष्मी कहने का मूल भाव यही है।

प्रश्न-  राष्ट्र लक्ष्मी कौन होती है ?

उत्तर-  दुनिया भर के देशों के अपेक्षा भारत ही एक ऐसा देश है। जिसे माता की संज्ञा दी गई है। अनादि काल से ही भारत की एक और हिमालय पर्वत देश सुरक्षा बनाए रखे हैं। तो देश की 3 दिशाओं में सागर से संरक्षित हमारा राष्ट्र माता के समान सम्मानित, संगमर्थ, संगठित और संपन्न है। भारत देश की नदी, पर्वत, सागर, सेतु और अनेक सुविधाएं हैं, जो सब राष्ट्र की लक्ष्मी मानी जाती हैं। इसलिए जब कभी प्राकृतिक आपदाओं में कोई नुकसान हो जाता है, तो कहा जाता है, कि राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान किया गया है। यह प्रतीक बताते हैं, कि राष्ट्र की सीमाओं के बीच होने वाले समृद्धि को राष्ट्र लक्ष्मी कहा जाता है।

प्रश्न- स्वास्थ्य लक्ष्मी कौन होती है ?

उत्तर-  भारत देश में चर्चित कहावतों में कहा गया है, कि “सबसे बड़ा सुख निरोगी काया” को माना गया है। इन कहावतें से यह भी स्पष्ट होता है, कि जीवन के लिए धन कमाना बहुत आवश्यक है। किंतु धन से बढ़कर एक उत्तम स्वास्थ्य होना भी बहुत आवश्यक होता है। यदि हम बहुत अधिक धनवान हैं। लेकिन हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो हम तो हमारा धन बेकार है। पुराने समय में लोगों के पास ज्यादा धन नहीं होता था। लेकिन उनका स्वास्थ्य और सेहत बहुत अच्छी रहती थी। वह अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग थे। इसलिए स्वास्थ्य लक्ष्मी होना बहुत आवश्यक होता है।

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Maa Laxmi 2024 : धन, स्वर्ण, समृद्धि और सुख की देवी है, “मां लक्ष्मी”

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