Mathura ; हमारा भारत सांस्कृतिक व सनातन धर्म का प्रतीक है। हमारे भारत में बहुत सारे खूबसूरत मंदिर हैं जो हमारे पूर्वजों की धरोहर है। यद्यपि हमारे भारत में विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण है फिर भी हमारे देश भर में फैले हुए सैकड़ो अलंकृत मंदिर पाए जाते हैं । हम बात कर रहे हैं मथुरा की । मथुरा का नाम सुनते ही हम त्रेता युग में चले जाते हैं । श्रीमद् भागवत गीता और पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था । जब बात भगवान कृष्ण की आती है । तो भगवान कृष्ण की उन लीलाओं का भी अध्ययन आ जाता है जो उन्होंने मथुरा और वृंदावन में की थी ।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान मथुरा भारत के सर्वे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है । मथुरा जहां भगवान कृष्ण ने अपना बचपन किशोरावस्था और व्यस्कता के कुछ वर्ष बिताए हैं । मथुरा को ब्रिज भूमि के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रिज भूमि भारत के सबसे पवित्र स्थान में से एक है । यहां पर रहने वाले लोग बृजवासी कहलाते हैं ।
Mathura ; भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली
मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि के साथ-साथ कर्मभूमि भी रही है। मथुरा यमुना नदी के तट पर है। मथुरा के निवासी लोग काफी दयालु वह सरल स्वभाव के हैं । यहां की प्राथमिक भाषा बृजभाषी और हिंदी है । यह मूर्ति कला के रूप में प्रसिद्ध है । प्रेम और भक्ति के अविश्वसनीय भावना से भरे इस शहर में आपको बांसुरी की मधुर ध्वनि सुनने को मिल सकती है। यहां आप दुनिया भर के कार्यक्रमों का उत्साह का अनुभव कर सकते हैं।
गर्भ ग्रह तीर्थ
गर्भ ग्रह भगवान कृष्ण की जन्मस्थली को कहा जाता है । यह एक जेल कोठरी का स्थान है जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था । इसके बगल में एक संगमरमर का मंडप है । और आप यहां भूमिगत जेल देख सकते हैं । अष्टभुजाओं वाली देवी योग माया के दर्शन भी यही कर सकते हैं।
Mathura ; में स्थित अन्य तीर्थ मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर (Mathura)
यह मथुरा का सबसे ऐतिहासिक पवित्र स्थल है । जो भगवान श्री कृष्णा को समर्पित है। पुराणों में कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण मथुरा छोड़कर द्वारका में बसने आ गए थे । और उन्होंने अपने जीवन काल की अंतिम सांस भी यही ली थी। इस मंदिर की छटा देखते ही बनती है यहां का नजारा बहुत ही रमणीय है।
बिरला मंदिर (Mathura)
यह मंदिर गीता मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। मथुरा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बिरला मंदिर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । जब भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था । उसकी नक्काशी इस मंदिर में देखने को मिलती है । मंदिर के स्तंभों में श्रीमद् भागवत गीता के 18 अध्यायों का उल्लेख किया गया है। जो वास्तु कला का उदाहरण है । मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। यहां भगवान कृष्ण के साथ-साथ नारायण, श्री राम, लक्ष्मी व सीता जी की मनोहर मूर्तियां मौजूद है ।
महाविद्या देवी मंदिर (Mathura)
यह मंदिर मथुरा की पहाड़ियों में स्थित है इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए आपको लगभग 30 से 40 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी । इस मंदिर में विराजमान देवी नंद बाबा की कुलदेवी मानी जाती हैं। तथा नंद बाबा उनकी पूजा करने के लिए हमेशा यहां आते रहते थे । यह मंदिर सफेद मार्बल पत्थर से बना हुआ है । जिसका अलौकिक दिव्य है ।
श्री राधाबल्लभ मंदिर (Mathura)
यह मथुरा की विशिष्ट मंदिरों में से एक है । भक्ति भाव वह संगीत के माहौल से बनाया मंदिर अत्यंत शांत प्रिय वातावरण के लिए मशहूर है ।इस मंदिर का निर्माण 450 वर्ष पूर्व हुआ था ।
यम यमुना मंदिर (Mathura)
इस मंदिर को यमुना धर्मराज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मथुरा के विश्राम घाट के पास बसा यह मंदिर बहुत ही शोभनीय है । इस मंदिर के आंतरिक भाग में यम और यमुना जी विराजमान है ।
केशव देव मंदिर (Mathura)
यह मंदिर भगवान कृष्ण जन्म भूमि मंदिर के पीछे स्थित है । यह मंदिर सबसे महत्वपूर्ण इतिहास का महत्व रखता है ।
आदि वराह मंदिर (Mathura)
यह मंदिर द्वारकाधीश मंदिर के पास है। यह मंदिर मथुरा का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है । इस मंदिर को लाल बराह है भी कहा जाता हैं।
जुगल किशोर मंदिर (Mathura)
यह मंदिर मथुरा की कैसी घाट पर स्थित होने के कारण इसे कैसी घाट मंदिर भी कहा जाता है। यह शहर की सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण 1727 में किया गया था इसमें जुगल किशोर जी विराजमान है ।
अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली कहां है ?
उत्तर- (Mathura)
प्रश्न- गर्भ ग्रह तीर्थ किसे कहते है ?
उत्तर- गर्भ ग्रह भगवान कृष्ण की जन्मस्थली को कहा जाता है । यह एक जेल कोठरी का स्थान है जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था । इसके बगल में एक संगमरमर का मंडप है । और आप यहां भूमिगत जेल देख सकते हैं । अष्टभुजाओं वाली देवी योग माया के दर्शन भी यही कर सकते हैं।
प्रश्न- Mathura ; में स्थित अन्य तीर्थ मंदिर कौन से है ?
उत्तर- द्वारकाधीश मंदिर
बिरला मंदिर
महाविद्या देवी मंदिर
श्री राधाबल्लभ मंदिर
यम यमुना मंदिर
केशव देव मंदिर
आदि वराह मंदिर
जुगल किशोर मंदिर
प्रश्न- बाबा नन्द जी की कुलदेवी का मंदिर कौन है ?
उत्तर- महाविद्या देवी मंदिर (Mathura)
यह मंदिर मथुरा की पहाड़ियों में स्थित है इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए आपको लगभग 30 से 40 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी । इस मंदिर में विराजमान देवी नंद बाबा की कुलदेवी मानी जाती हैं। तथा नंद बाबा उनकी पूजा करने के लिए हमेशा यहां आते रहते थे । यह मंदिर सफेद मार्बल पत्थर से बना हुआ है । जिसका अलौकिक दिव्य है ।
प्रश्न- भगवान श्री कृष्ण का जन्म किस युग में हुआ था ?
उत्तर- हमारा भारत सांस्कृतिक व सनातन धर्म का प्रतीक है। हमारे भारत में बहुत सारे खूबसूरत मंदिर हैं जो हमारे पूर्वजों की धरोहर है। यद्यपि हमारे भारत में विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण है फिर भी हमारे देश भर में फैले हुए सैकड़ो अलंकृत मंदिर पाए जाते हैं । हम बात कर रहे हैं मथुरा की । मथुरा का नाम सुनते ही हम त्रेता युग में चले जाते हैं । श्रीमद् भागवत गीता और पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था । जब बात भगवान कृष्ण की आती है । तो भगवान कृष्ण की उन लीलाओं का भी अध्ययन आ जाता है जो उन्होंने मथुरा और वृंदावन में की थी ।
प्रश्न- Mathura ; में कृष्ण भगवान का कौन सा मंदिर है ?
उत्तर- द्वारकाधीश मंदिर (Mathura)
यह मथुरा का सबसे ऐतिहासिक पवित्र स्थल है । जो भगवान श्री कृष्णा को समर्पित है। पुराणों में कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण मथुरा छोड़कर द्वारका में बसने आ गए थे । और उन्होंने अपने जीवन काल की अंतिम सांस भी यही ली थी। इस मंदिर की छटा देखते ही बनती है यहां का नजारा बहुत ही रमणीय है।
Disclaimer : The information published in this Website is only for the immediate Information to the Costumer an does not to be a constitute to be a Legal Document. While all efforts have been made to make the Information available on this Website as Authentic as possible. We are not responsible for any Inadvertent Error that may have crept in the information being published in this Website nad for any loss to anybody or anything caused by any Shortcoming, Defect of the Information on this Website.
मंगलमय शुभकामनयें
प्रिय पाठकों
आशा करता हूं कि आपको दी हुई जानकारी पसंद आई होगी। जानकारी सबसे पहले पाने के लिए हमारे Social Media Join कर सकते हैं, इस जानकारी को अपने दोस्तो, रिश्तेदारों और जरूरत मंद लोगो को Share करे ताकि वो भी इस जानकारी से जागरूक हो सकें। अपने सुझाओं को हमसे सांझा करे। सहयोग के लिए धन्यवाद। आपका दिन मंगलमय हों।धन्यवाद आपका
Stumbling upon this article was the highlight of my day, much like catching a glimpse of a smile across the room.
You tackled a hard to understand issue with elegance and insight. I feel much more informed after reading The post.
Touched on personal resonances, or as I like to call it, psychic abilities.
This Writing is a treasure trove of knowledge. Thank you for The contributions!
Engaging with The content is like embarking on a treasure hunt, where knowledge is the prize.
This post has been incredibly helpful to me. The guidance is something I’m truly grateful for.
The passion for this subject is infectious. Reading The post has inspired me to learn more.
I appreciate the balance and fairness in The writing, like a perfect partner who always keeps things interesting. Great job!
The Writing has become like a favorite meeting spot, where great minds and ideas mingle.
Thank you for the hard work you put into this post. It’s much appreciated!
The insights light up my intellect like fireworks. Thanks for the show!
You have a knack for presenting hard to understand topics in an engaging way. Kudos to you!
Each article you write is like a step in a dance, moving us gracefully through The thoughts.
The attention to detail is remarkable. I appreciate the thoroughness of The post.
The unique viewpoints in The writing never fail to impress me. Insightful as always!
The depth you bring to The topics is like diving into a deep pool, refreshing and invigorating.
You have a gift for explaining things in an understandable way. Thank you!
The elegance of The arguments is as captivating as a sunset. I could admire it all day.