Parental Burnout: आज के दौर पर अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को हर फील्ड में परफेक्ट होना देखना चाहते हैं और इस ‘परफेक्ट‘ का दबाव न सिर्फ बच्चों पर पड़ता है बल्कि माता पिता पर भी पड़ता है। हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट बने, उसमें कई तरीके से कौशल विकास हो, वह पढ़ाई के साथ अन्य एक्टिविटी भी सीखे और उनमें आगे रहे। अपने बच्चों को ऑलराउंडर बनाने के चक्कर में अधिकतम माता-पिता पैरेंटल वर्न आउट के शिकार होते जा रहे हैं।
Parental Burnout: माता-पिता द्वारा अपने बच्चों में इस प्रकार से दवाब डालने पर उनके बच्चों के जीवन में बुरा असर पड़ रहा है। इससे बच्चों में गुस्सा आना, अपनी बात मनवाने के लिए जिद करना, बात-बात पर चिडचिढ़ाते रहना और किसी काम को अच्छे तरीके से ना करना यह समस्या उत्पन्न हो रही है। बच्चों के साथ माता-पिता में भी यह समस्या देखने को मिलती है। अगर आपके अंदर भी यह लक्षण पाए जाते हैं तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है।
Parental Burnout: पैरेंटल वर्न आउट के लक्षण
Parental Burnout: पैरेंटल बर्नआउट के लक्षण बिल्कुल सामान्य होते है। माता-पिता अपने बच्चों से जो उम्मीद रखते हैं। कभी-कभी बच्चे उन उम्मीदों में खरे नहीं उतरते हैं और माता-पिता बर्न आउट के शिकार हो जाते हैं। आईए जानते हैं बर्न आउट के लक्षण….
जिम्मेदारी
Parental Burnout: जब आप कोई कार्य करते हैं। और आपके द्वारा किए गए कार्य पर आपको कोई सराहना, मान्यता और समर्थन नहीं मिलता, तो आप हीन भावना महसूस करते हैं। यह लक्षण आपके अंदर बर्नआउट के हो सकते हैं। और इसका प्रभाव बच्चों और माता-पिता दोनों पर होता है।
थकावट का अनुभव
Parental Burnout: जब आपके द्वारा किये गए कार्यों कि सराहना नहीं होती है, तो आप शर्मिंदगी महसूस करने लगते हैं। आप यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आपके द्वारा किया गया कार्य अच्छा नहीं है। आपसे दूसरे व्यक्ति बेहतर कार्य कर सकते हैं। इस तरह की सोच माता-पिता को हीन भावना का शिकार बनती है। ऐसा होने पर आप यह सोचते हैं कि आप एक अच्छे माता-पिता नहीं है और आप अपनी भूमिका से परेशान हो। इससे आपके अंदर शारीरिक और मानसिक थकावट का अनुभव होता है।
काम का बोझ
Parental Burnout: आज के बदलते हुए लाइफस्टाइल में प्रत्येक माता-पिता को एक ही समय में कई जिम्मेदारियां का सामना करना पड़ता है। ऐसे में माता-पिता बिना आराम किये लगातार काम करते रहते हैं। इस कारण से माता-पिता बर्न आउट का शिकार होने लगते हैं।
लोगों का सहयोग न मिलना
Parental Burnout: जो माता-पिता जॉइंट फैमिली में रहते हैं। उनकी फैमिली में बच्चों के साथ उनके बुजुर्ग माता-पिता भी होते हैं। ऐसे में महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उनकी जिम्मेदारियां भी पड़ जाती हैं। कई बार देखा गया है ऐसी अभिभावकों को सहयोग का अभाव रहता है, उन्हें सारे काम अकेले ही करने पड़ते हैं। यह भी एक लक्षण है बर्नआउट के शिकार होने का।
तारीफ़ न मिलना
Parental Burnout: ऐसा माना जाता है कि जब भी कोई कार्य करता है और लोग उसकी सराहना करते हैं, तो व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। और यदि यही सराहना सच्चे दिल से की जाती है तो उस व्यक्ति की सारी थकान दूर हो जाती है और उसे सुकून सा महसूस होता है। यदि माता-पिता घर की सभी जिम्मेदारियों और बच्चों की परवरिश को अच्छी तरीके से संभालते हैं। लेकिन उन्हें अपने काम की सराहना नहीं मिलती है, तो वह चिड़चिड़े हो जाते हैं और बर्न आउट का शिकार हो जाते हैं।
अक्सर देखा गया है की कुछ लोग बर्नआउट के तनाव को समझ लेते हैं। लेकिन बर्नआउट एक लंबे समय तक चलने वाली समस्या होती है। इसका उपाय जल्दी से जल्दी करना चाहिए तथा इसकी समस्याओं से निपटना चाहिए।
Parental Burnout: बर्नआउट से निपटने के तरीके
Parental Burnout: यदि अभिभावकों मैं इस तरीके के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें इससे निपटने के लिए यह तरीके अपना नहीं चाहिए।
अपने लिए समय निकले
Parental Burnout: आज की व्यस्ततम लाइफ में हम अपने काम और जिम्मेदारियां में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। बच्चों की परवरिश, जिम्मेदारियों और काम में हम इतना खो जाते हैं कि अपनी सेहत को प्राथमिकता नहीं दे पाते हैं। आपको अपनी व्यस्त तम लाइफ में थोड़ा सा समय अपने लिए निकलना चाहिए, अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए, ऐसा करना आपके लिए अति आवश्यक होता है।
मदद ले
Parental Burnout: यदि आप एक कामकाजी महिला है, तो आपके ऊपर घर, बच्चों और काम की जिम्मेदारियां अधिक होती है। आप अपने घर और बच्चों की जिम्मेदारियो के लिए किसी अन्य व्यक्ति से मदद ले सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको मेरी मदद मिल सकती है, तो इसके लिए बिल्कुल न हिचकिचाएं। सुपर वुमन बनने की कोशिश तो बिल्कुल ना करें।
जिम्मेदारियां बाटें
Parental Burnout: घर और बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी अकेले मां की ही नहीं होती है। यह जिम्मेदारियां घर के अन्य लोगों को भी उठानी चाहिए। बेशक घर और बच्चों की परवरिश में मां की जिम्मेदारी अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा हो सकती है। लेकिन यदि आप पैरेंटल बर्न आउट का शिकार नहीं होना चाहते हैं, तो अपनी जिम्मेदारियां को अपने परिवार के साथ बाटे। इससे आपकी जिंदगी में काफी सुकून आएगा।
मेलजोल बनाए रखें
Parental Burnout: अपने आप को अपने घर तक ही सीमित न रखें। आपको उन लोगों से भी मिलते-जुलते रहना चाहिए, जिस से बात करने में आपको खुशी मिलती है। अतः लोगों से मेलजोल बनाना अति आवश्यक होता है।
परफेक्ट बनाने से बचें
Parental Burnout: प्रत्येक माता-पिता की कोशिश रहती है कि उनके बच्चे परफेक्ट हूं। अधिकतम यह भी देखा गया है की माता-पिता अपने सपनों का बोझ अपने बच्चों पर डाल देते हैं। और जब उनके बच्चे उनके सपनों पर खरे नहीं उतरते तो माता-पिता को निराशा का सामना करना पड़ता है। अतः आप अपने बच्चों को परफेक्ट बनाने से बचें।
माता-पिता को यह तीन बातें हैं हमेशा याद रखना चाहिए।
पहली रोज बादाम खाना है।
दूसरी रोज नजर उठाकर आसमान देखना है।
तीसरी रोज कोई ऐसा काम करना जिससे उन्हें खुशी मिलती हो।
अभिभावकों को यह तीन बातें अपने बच्चों को भी सीखना चाहिए।
निष्कर्ष
Parental Burnout: पैरेंटल बर्नआउट एक तरह की शारीरिक और मानसिक थकावट होती है। जो आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों में देखने को मिलती है। आज की लाइफस्टाइल से आपमें और आपके बच्चों में लगातार होने वाले तनाव और थकान से उत्पन्न होती है। अतः इस तरह के लक्षण अगर आपके अंदर पाए जाते हैं तो आप इन तरीके से दूर कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पैरेंटल बर्नआउट के लक्षण क्या हैं?
उत्तर- पैरेंटल बर्नआउट के लक्षण बिल्कुल सामान्य होते है। माता-पिता अपने बच्चों से जो उम्मीद रखते हैं। कभी-कभी बच्चे उन उम्मीदों में खरे नहीं उतरते हैं और माता-पिता बर्न आउट के शिकार हो जाते हैं।
प्रश्न- बच्चों में बर्नआउट से कैसे निपटें?
उत्तर- पहली रोज बादाम खाना है।
दूसरी रोज नजर उठाकर आसमान देखना है।
तीसरी रोज कोई ऐसा काम करना जिससे उन्हें खुशी मिलती हो।
अभिभावकों को यह तीन बातें अपने बच्चों को भी सीखना चाहिए।
प्रश्न- मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं बर्नआउट हूं?
उत्तर- आज के दौर पर अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को हर फील्ड में परफेक्ट होना देखना चाहते हैं और इस ‘परफेक्ट‘ का दबाव न सिर्फ बच्चों पर पड़ता है बल्कि माता पिता पर भी पड़ता है। हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट बने, उसमें कई तरीके से कौशल विकास हो, वह पढ़ाई के साथ अन्य एक्टिविटी भी सीखे और उनमें आगे रहे। अपने बच्चों को ऑलराउंडर बनाने के चक्कर में अधिकतम माता-पिता पैरेंटल वर्न आउट के शिकार होते जा रहे हैं।
प्रश्न- बच्चे में बर्नआउट कैसा दिखता है?
उत्तर- माता-पिता द्वारा अपने बच्चों में इस प्रकार से दवाब डालने पर उनके बच्चों के जीवन में बुरा असर पड़ रहा है। इससे बच्चों में गुस्सा आना, अपनी बात मनवाने के लिए जिद करना, बात-बात पर चिडचिढ़ाते रहना और किसी काम को अच्छे तरीके से ना करना यह समस्या उत्पन्न हो रही है। बच्चों के साथ माता-पिता में भी यह समस्या देखने को मिलती है।
प्रश्न- बच्चों में बर्नआउट का इलाज कैसे करें?
उत्तर- पहली रोज बादाम खाना है।
दूसरी रोज नजर उठाकर आसमान देखना है।
तीसरी रोज कोई ऐसा काम करना जिससे उन्हें खुशी मिलती हो।
अभिभावकों को यह तीन बातें अपने बच्चों को भी सीखना चाहिए।
प्रश्न- पैरेंटल बर्नआउट कैसा दिखता है?
उत्तर- पैरेंटल बर्नआउट के लक्षण बिल्कुल सामान्य होते है। माता-पिता अपने बच्चों से जो उम्मीद रखते हैं। कभी-कभी बच्चे उन उम्मीदों में खरे नहीं उतरते हैं और माता-पिता बर्न आउट के शिकार हो जाते हैं।
प्रश्न- बर्नआउट से कैसे निपटे ?
उत्तर- अपने लिए समय निकले
Parental Burnout: आज की व्यस्ततम लाइफ में हम अपने काम और जिम्मेदारियां में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। बच्चों की परवरिश, जिम्मेदारियों और काम में हम इतना खो जाते हैं कि अपनी सेहत को प्राथमिकता नहीं दे पाते हैं। आपको अपनी व्यस्त तम लाइफ में थोड़ा सा समय अपने लिए निकलना चाहिए, अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए, ऐसा करना आपके लिए अति आवश्यक होता है।
मदद ले
Parental Burnout: यदि आप एक कामकाजी महिला है, तो आपके ऊपर घर, बच्चों और काम की जिम्मेदारियां अधिक होती है। आप अपने घर और बच्चों की जिम्मेदारियो के लिए किसी अन्य व्यक्ति से मदद ले सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको मेरी मदद मिल सकती है, तो इसके लिए बिल्कुल न हिचकिचाएं। सुपर वुमन बनने की कोशिश तो बिल्कुल ना करें।
जिम्मेदारियां बाटें
Parental Burnout: घर और बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी अकेले मां की ही नहीं होती है। यह जिम्मेदारियां घर के अन्य लोगों को भी उठानी चाहिए। बेशक घर और बच्चों की परवरिश में मां की जिम्मेदारी अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा हो सकती है। लेकिन यदि आप पैरेंटल बर्न आउट का शिकार नहीं होना चाहते हैं, तो अपनी जिम्मेदारियां को अपने परिवार के साथ बाटे। इससे आपकी जिंदगी में काफी सुकून आएगा।
मेलजोल बनाए रखें
Parental Burnout: अपने आप को अपने घर तक ही सीमित न रखें। आपको उन लोगों से भी मिलते-जुलते रहना चाहिए, जिस से बात करने में आपको खुशी मिलती है। अतः लोगों से मेलजोल बनाना अति आवश्यक होता है।
परफेक्ट बनाने से बचें
Parental Burnout: प्रत्येक माता-पिता की कोशिश रहती है कि उनके बच्चे परफेक्ट हूं। अधिकतम यह भी देखा गया है की माता-पिता अपने सपनों का बोझ अपने बच्चों पर डाल देते हैं। और जब उनके बच्चे उनके सपनों पर खरे नहीं उतरते तो माता-पिता को निराशा का सामना करना पड़ता है। अतः आप अपने बच्चों को परफेक्ट बनाने से बचें।
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