अधिकांश नवजात शिशुओं को तीन तरह की वैक्सीन की पहली डोज अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पहले ही दे दी जाती है। यह तीन वैक्सीन बीसीजी, पोलियो और हेपेटाइटिस बी होती हैं।
इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, हेपेटाइटिस बी, एचआईबी, आईवीपी रोटोवायरस और न्यूमोकोकल वैक्सीन नाम के टीके लगाए जाते हैं। डीपीटी वैक्सीन नवजात शिशु को डिप्थीरिया परट्यूमिनोस और टेटनस जैसे इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करता है।
इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, एचआईवी, आईवीपी, रोटावायरस और पीसीवी की दूसरी डोज लगाई जाती है।
इस उम्र के नवजात बच्चों को डीपीटी, एचआईवी, आईवीपी, रोटावायरस और पीसीवी की तीसरी डोज लगाई जाती है।
6 में के नवजात बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स और हेपेटाइटिस बी की तीसरी डोज लगाई जाती है।
9 माह के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स और मीजल्स का टीका लगाया जाता है।
12 में के बच्चे को हेपेटाइटिस वायरस की वजह से होने वाले जॉन्डिस से बचने के लिए हेपेटाइटिस ए का वैक्सीन लगाना अनिवार्य होता है।