ग्रुप बनाना : साइबर ठग नामचीन कंपनियां, संगठन और हस्तियों को टारगेट करते हैं। यह ठग उनके मौजूदा ग्रुप में मिलते-जुलते नाम के साथ शामिल हो जाते हैं।

टारगेट मैसेजिंग : साइबर ठग संभावित पीड़ितों की पहचान उनके सोशल मीडिया की रुचियों और ऑनलाइन बर्ताव के आधार पर कर लेते है। इसके बाद साइबर ठग उन लोगो को व्यक्तिगत संदेश भेजना शुरू कर देते है।