हमारे शरीर में पाचन तत्व के लिए अग्नि को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। आयुर्वेद ने भी आयरन सहित अन्य पोषक तत्वों के लिए अग्नि को महत्व दिया है। इसके लिए आपको अपने आहार में अदरक, जीरा और धनिया जैसे मसाले को शामिल करना होगा।
आयुर्वेद में माना है कि यदि आप अपने भोजन को पकाने के लिए लोहे के बर्तनों का उपयोग करते हैं तो अधिक फायदेमंद होगा। लोहे के बर्तन का उपयोग करने से आपके भोजन में पर्याप्त मात्रा में आयरन की वृद्धि हो सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला का उपयोग हमारे शरीर की गंदगी को दूर करने के लिए किया जाता है। त्रिफला हमारे शरीर से गंदगी दूर करने के साथ-साथ पाचन में भी सहायता करता है। त्रिफला में तीन तरह की पोषक तत्व पाए जाते हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मत हैकि यदि आप आवाला और शहद का एक साथ सेवन करते हैं तो इससे न केवल आपको विटामिन सी की प्राप्ति होगी बल्कि यह आयरन की कमी को भीं दूर कर सकता है।
यदि आप रात में एक चम्मच मेथी पानी में डालकर रख देते हैं और सुबह उठने के बाद इसे खाली पेट पीते हैं, तो इससे आपके शरीर में आयरन की कमी दूर होने के साथ आपके चेहरे में निखार भी उत्पन्न होगा। यह हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को उत्पन्न करता है।
आयुर्वेद में इन तीनों को आयरन का मुख्य स्रोत माना है। कद्दू, तिल और सूरजमुखी के बीजों में आयरन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को सुधार करता है।