एक कॉलम में आपकी खून की जांच की रिपोर्ट तथा दूसरे कॉलम में शरीर की नार्मल वैल्यू उल्लेखित रहती है।
बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों की नार्मल वैल्यू अलग-अलग होती है।
जिनकी जांच रिपोर्ट में अंक नहीं होते हैं। उन रिपोर्ट में सिर्फ निगेटिव या पॉजिटिव शब्द लिखा होता है।
चिकित्सक एक जांच पूरी करवा लेता है। और पुनः दूसरी जांच के लिए निर्देशित कर देता है।
चिकित्सक हमारी रिपोर्ट की नहीं, बल्कि हमारा इलाज कर रहे हैं। इसलिए हमें उन पर भरोसा करना चाहिए।