भगवान गणेश के मूषक के वाहन बनने की पौराणिक कथा बहुत ही रोचक मानी गई है। उसे समय गजमुखासुर नामक दैत्य हुआ करता था। गजमुखासुर ने देवताओं को बहुत परेशान कर दिया था। सभी देवता लोग एकत्रित होकर भगवान गणेश के पास पहुंचे
दूसरी कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र अपने दरबार में किसी गंभीर विषय पर चर्चा कर रहे थे। लेकिन उनके दरबार का गंधर्व क्रौंच नामक देव किसी ओर ही मनोदशा में था। वह स्वर्ग की अप्सराओं के साथ हंसी टिटौली करने में मग्न था।
गंधर्व क्रौंच के उत्पात से परेशान होकर महर्षि पाराशर जी ने भगवान गणेश से मदद मांगी। भगवान गणेश ने अपने आसन पर बैठे-बैठे एक तेजस्वी पासा गंधर्व क्रौंच के ऊपर फेंका जिससे वह मूषक मूर्छित हो गया।