दरअसल मानव शरीर सोने और जागने के चक्कर के अनुकूल ही अपना दैनिक कार्य करता है। जब हमारे शरीर का सोने का समय होता है, तब हम लोग खाना खाते हैं। इससे हमारे शरीर की मेटाबालिज्म सहित पूरी सेहत प्रभावित होने लगती है।
मानव शरीर में पाए जाने वाला सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है। यह हमारी नींद और भूख के बीच में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। मानव शरीर के मूड को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। हमारे पेट में 10 करोड़ तंत्रिका कोशिकाएं पाई जाती हैं।
मनुष्य का शरीर सर्केडियन रिदम से चलता है। जो हमारे शरीर की एक आंतरिक घड़ी मानी जाती है। यह घड़ी हमारे शरीर को सोने , जागने, खाने और हारमोंस के स्तर के कार्यों को नियंत्रित करती है।