अक्सर देखा गया हैकि जब हमें किसी व्यक्ति से अपना कार्य करवाना होता है या किसी व्यक्ति के प्रति हमारी कोई प्रतिक्रिया होती है। तो हम उस व्यक्ति से सीधे बात नहीं करते हैं।
साधारण तौर पर जब हमें गुस्सा आता है तो हम ऐसे कई बड़े फैसले कर देते हैं। जिनसे हमें भारी नुकसान होता है। तथा उन फैसलों को लेकर हमें बाद में पछताना पड़ता है।
अक्सर देखा गया है कि जो लोग अपनी गलती को नहीं मानते हैं। और दूसरों पर आरोप लगाते रहते हैं। वह नकारात्मक प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने आप को विक्टिम समझते हैं।
यदि आप किसी टीम के लीडर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। आप अपनी टीम पर अनावश्यक रूप से नियंत्रण रखते हैं। जिससे आपके कर्मचारी काम करने में रुचि नहीं रखते हैं।