यदि हम लंबे समय तक निमोनिया के संक्रमण से प्रभावित रहे, तो हमें सीओपीडी जैसी दीर्घकालिक और खतरनाक बीमारी हो सकती है। जिसके कारण वजह से सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बलगम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
यदि हमें हर समय निमोनिया जैसी बीमारी हो जाती है। और हम उसका सही समय पर इलाज नहीं करते हैं, तो हमारे फेफड़े कमजोर होने लगते हैं। इस कारण से भविष्य में सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वसन संबंधी समस्या पैदा होने लगती है।
निमोनिया के संक्रमण के कारण हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिससे हमारे दिल को धड़कने में अधिक मेहनत करनी होती है। इसके चलते हमारे हृदय की धड़कन और अनियमित हो जाती है। और आगे चलकर हृदय रोग और दिल का दौरा पढ़ने की संभावना बढ़ने लगती है।
निमोनिया के संक्रमण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। जिससे व्यक्ति बार-बार संक्रमण की चपेट में आने लगता है। और अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
अधिक समय पर तक निमोनिया को अनदेखा करने से हमारे एक फेफड़े कमजोर होने लगते हैं। और उनमें घाव उत्पन्न हो जाता है। जिस वजह से हमारे फेफड़े गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। फिर इनका इलाज करना मुश्किल हो जाता है।