सनातन संस्कृति में भारत में बहने वाली नदियां पिंडदान और श्राद्ध के लिए विशेष मानी गई है। क्योंकि यह नदियां समुद्र में जाकर मिल जाती हैं। और भगवान विष्णु ही समुद्र में निवास करते हैं। पुरातन धर्म की मान्यता है l
भारत में गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भगीरथ ने अपने पितरों की मुक्ति के लिए मां गंगा से धरती में आगमन के लिए विनय की थी। तब मां गंगा का आगमन धरती पर हुआ था।
गया जी के समक्ष बहने वाली फल्गु नदी श्राद्ध कर्म कांड करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहां हर साल देश विदेश से कई लोग अपने पितरों की मोक्ष व शांति के लिए श्राद्ध करने आते हैं।
चित्रकूट में बहने वाली मंदाकिनी नदी पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है। भगवान श्री राम ने अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान इसी नदी के तट पर संपन्न किया था।
पुष्कर को वेद पुराणों में मुक्ति पाने का श्रेष्ठ तीर्थ स्थान बताया गया है। ऐसा माना जाता है, कि भगवान ब्रह्मा ने यहां पर यज्ञ संपन्न किया था। इस कारण इसके तट पर किए गए श्राद्ध कर्म पितरों की मुक्ति का सुनिश्चित स्थान है।