भगवान गणेश को मोदक का भोग बहुत प्रिय है। क्योंकि मोदक का स्वरूप ज्ञान, मिठास और आनंद का प्रतीक माना गया है। सनातन धर्म में मोदक को मोद और ज्ञान का भोजन कहा जाता है।
भगवान गणेश को मोदक सबसे अधिक प्रिय क्यों हैं इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं है। लेकिन हम आपको एक प्रमुख कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। एक बार देवताओं ने बुद्धिमता की परीक्षा लेने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया।
इस प्रतियोगिता के अनुसार देवताओं ने यह तय किया था, कि कौन सबसे पहले पूरी दुनिया के चक्कर यानी ब्रह्मांड का परिक्रमा लगाकर जल्दी वापस आएगा। जो देव जल्दी वापस आएगा वह विजई माना जाएगा।
देवताओं द्वारा लगाए गए मोदक के भोग को भगवान गणेश जी ने बहुत प्रसन्नता के साथ ग्रहण किया था। तभी से गणेश जी का मोदक सबसे प्रिय खाद्य पदार्थ हो गया हैं । इसके अलावा मोदक का गोल आकार भी पूर्णतः और समग्रता का प्रतीक माना गया है।