महिलाओं द्वारा धूम्रपान करने से उनमें हार्मोनल बदलाव व अनुवांशिक नुकसान अधिकतम देखने को मिल जाते हैं। जिन महिलाओं को धूम्रपान की लत होती है
जीनत किशोरियों ने शौक शौक में धूम्रपान को अपनी जीवन शैली की लत बना ली है। उन्हें आगे चलकर प्रजनन और अंडाणुओं की गुणवत्ता कम होने का खतरा बना देता है।
वैसे तो धूम्रपान में पुरुषों और महिलाओं दोनों को कई प्रकार के कैंसर से जोखिम में डाल सकता है। लेकिन यह महिलाओं के गर्भाशय में ग्रीवा के कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।
जो महिलाएं सबसे ज्यादा धूम्रपान करती हैं। इसका असर सबसे ज्यादा उनके चेहरे पर पड़ता है। जिससे उनके चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगते हैं। और वह समय से पहले बुड्ढी दिखाई देने लगती है। उनके शरीर की त्वचा का रंग भी बदल जाता है।
धूमपान करने वाली महिलाओं के गर्भ में पलने वाले शिशु में अनेक प्रकार के खतरे उत्पन्न होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं । जिसमें गर्भाशय से ही बच्चों में हृदय रोग जैसी समस्याएं आने लगती हैं।