इस उम्र में बच्चों को छोटी-छोटी समस्याओं से सुलझने का खुद मौका दें। ताकि वह उन समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकें। आप उन्हें निर्णय लेने और समस्याओं से निपटारा करने की लिए प्रेरित कर सकते हैं। ताकि उनका आत्मविश्वास बना रहे।
इस उम्र के बच्चों से आप अपने घर के अन्य कामों में मदद ले सकते हैं। घर की छोटी-छोटी जिम्मेदारियां भी उन पर छोड़ सकते हैं।
इस उम्र के बच्चों को समाज और परिवार की प्रति जिम्मेदारियां का एहसास दिलाना बहुत आवश्यक होता है। उन्हें समाज के छोटे-छोटे कार्यक्रमों में शामिल जरूर करें। व परिवार की छोटी-छोटी खुशियों में उन्हें भूमिका निभाने का मौका दें।