वास्तव में त्योहारों के बाद आने वाली उदासी का मुख्य कारण यह भी हो सकता है, कि त्योहारों के समय में पूरे माहौल में जो उत्साह और व्यस्तता रहती है। वह त्योहारों के बाद एक ही झटके से खत्म हो जाती है। जिन दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलकर हमारा मन प्रसन्न बना रहता है।
परिवार के लोग चंचल और खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं। खास तौर से परिवार के बच्चे। अतः उनके साथ समय बिताने की कोशिश करें। उनके साथ खेलने से मन की उदासी धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। अपने परिवार के साथ मिलकर कोई भी क्राफ्ट या प्रोजेक्ट तैयार करें।
त्योहारों की व्यस्तता के कारण कभी कभी नींद पूरी नहीं हो पाती है। इसलिए त्योहारों के बाद अपनी नींद पूरी करने के लिए भरपूर नींद ले। जिससे आपके शरीर और मन में ताजगी महसूस होने लगेगी। और आप उदासी के तनाव से उभर कर प्रसन्न हो पाएंगे।
उदासी में सबसे बड़ा और आसान सा उपाय होता है, कि आप अपने घर के छोटे-छोटे कामों में खुद को व्यस्त रखें। त्योहारों के बाद घर में जो हल्का-फुल्का सा काम रह जाता है। उन्हें धीरे-धीरे से निपटाते रहे। साथ ही एक समय का उपयोग खुद के लिए करें।
त्योहारों का मौसम आता जाता रहता है। लेकिन दोस्ती एक ऐसा सदाबहार मौसम है, जो हमेशा लोगों के जीवन में बना रहता है। दोस्तों का जुड़ाव जीवन के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। इसलिए त्योहारों के बाद दोस्तों के साथ मिलन समारोह रखें।
त्योहार खत्म हो चुके हैं। यह स्वीकार करना बहुत आवश्यक होता है। आपकी उदासी स्थाई नहीं है। आपका जीवन धीरे-धीरे सामान्य दिनचर्या में वापस लौट आएगा। आपके जीवन में कुछ नए लक्ष्य हो सकते हैं, जिनका पूरा करना आपका मकसद है।