वास्तव में मासिक धर्म की प्रक्रिया पहले लड़कियों में 15 से 16 साल की उम्र में देखने को मिलती थी।
बच्चे लगातार सोशल मीडिया देखते चले जा रहे हैं। जिससे इसका गहरा प्रभाव उनके मस्तिष्क खास तौर से पिट्यूटरी ग्रंथि पर देखने को मिलता है।
प्यूबर्टी में होने वाले बदलाव के कारण आज के समय में लड़कियों में कुछ स्वास्थ समस्या उत्पन्न होने लगती हैं।