महिलाओं में मोटापा होने से उनका वजन बढ़ जाता है। अत्यधिक वजन बढ़ने से महिलाये गर्भधारण नहीं कर पाती हैं । भारत देश में यह समस्या कई महिलाओं में देखने को मिलती है ।
गर्भवती महिला में उक्त रक्तचाप की गंभीर समस्या होने लगती है। जो आमतौर पर गर्भावस्था के आखिरी 3 महीने में होता है । उक्त रक्तचाप महिला के दिमाग, लीवर और किडनी को प्रभावित करने लगता है ।
मोटापा की वजह से गर्भवती महिला के गर्भावस्था के दौरान ग्लूकोज यानी रक्त शर्करा का उच्च स्तर गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।
मोटापे की वजह से गर्भवती महिलाओं को स्लिप अपियन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसकी वजह से महिलाओं को नींद के दौरान सांस लेने में परेशानी होती है।
मोटापे से ग्रसित महिलाओं को अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराने में समस्या उत्पन्न हो सकती है । साथ ही यदि ऑपरेशन से डिलीवरी होती है तो टांके भरने में देरी होती है
गर्भवती महिला का मोटापा मां की कोख का वातावरण ही शिशु के जन्म से पहले और जन्म के बाद की स्थिति के लिए जिम्मेदार बन सकता है ।