भारत में पिछले कई वर्षों से सोया मिल्क पीने वालों की संख्या में बढ़ोतरी पाई गई है। सोया मिल्क पीने की खास वजह, शुद्ध दूध से एलर्जी होना व लैक्टोज को डाइजेस्ट ना कर पाना बताया गया है। सोया मिल्क हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करता है।
बादाम मिल्क में कैलशियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। बादाम मिल्क में गाय के दूध की तुलना में दुगना कैल्शियम रहता है। बादाम मिल्क में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
जिन लोगों को सोया मिल्क और शुद्ध दूध पीने में परेशानी होती है, उनके लिए काजू का दूध बहुत फायदेमंद होता है। एक कप काजू की दूध में लगभग 40 कैलोरी और 3.5 ग्राम वसा पाया जाता है।
कोकोनट मिल्क का इस्तेमाल सूप और सब्जियों को गाढ़ा करने के लिए किया जाता है। इस दूध में सबसे ज्यादा गाड़ापन होता है। कोकोनट मिल्क पीने से पहले पतला करना आवश्यक होता है।
भारत में ऐसे बहुत से लोग पाए जाते हैं, जिन्हें गाय का दूध, सोया दूध और नट्स दूध पीने से एलर्जी होती है। वे लोग राइस मिल्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जिनको उपरोक्त सभी प्रकार के दूध पीने से एलर्जी होती है, उनके लिए ओट मिल्क सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। ओट मिल्क में कैल्शियम और विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।