शोधकर्ताओं के अनुसार किशोर को वयस्कों की तुलना में अपने दोस्तों द्वारा पसंद किए जाने से अधिक खुशी मिलने लगती है।
किशोर अवस्था में युवाओं को दुनिया को लेकर स्वाभाविक जिज्ञासा और नई चीज आजमाने की तीव्र इच्छा होने लगती है।
किशोर के मन में आत्मविश्वास की कमी होती है। जिसकी वजह से वह अपनी योग्यता साबित करने के लिए ऐसी आदतों और व्यवहार को अपना सकते हैं
यह एक ऐसा मौका होता है, जिसमें किशोरों के पास परिवार का कोई सदस्य सहारा देने के लिए नहीं होता है।