पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार एक समय पृथ्वी लोक पर अनलासुर नामक राक्षस ने भयंकर उत्पाद मचाया हुआ था। उसका अत्याचार चरम सीमा तक पहुंच गया था। उसने पृथ्वी लोक के साथ स्वर्ग और पाताल लोक मैं भी त्राहि त्राहि मचा रखी थी।
भगवान शिव ने सभी देवताओं से कहा, कि उनकी समस्या का समाधान सिर्फ गणेश जी कर सकते हैं। तब सभी देवताओं ने गणेश जी की स्तुति करना आरंभ की। भगवान गणेश से अनलासुर का वध करने का आग्रह किया।
गणेश जी की पेट की जलन को देखते हुए महर्षि कश्यप में 21 दूर्वा इकट्ठी की और गणेश जी को खिलाई गई। दूर्वा का सेवन करने के बाद गणेश जी की पेट की ज्वाला शांत हुई। इस कारण से गणेश जी को दूर्वा अत्यंत प्रिय खाद्य पदार्थ है।