जब भी बच्चे आपसे शिकायत करते हैं, तो यह न माने कि बच्चे शिकायत करते रहते हैं। बल्कि बच्चों की बात को ध्यान से सुने, उन्हें सहानुभूति और समर्थन दें। इसके बाद सबसे पहले बच्चों से उस शिकायत का कारण जानने की कोशिश जरूर करें।
बच्चों को भावनात्मक शिक्षा देना बहुत आवश्यक होता है। आपको उन्हें समझना होगा, कि अगर कोई बात बुरी लगती है, तो गुस्सा हो जाना अच्छी बात है। लेकिन सामान फेंकना व चिल्लाना उनकी समस्या का हल नहीं हो सकता है।
जब भी बच्चे बड़ों की डांट या उनकी किसी बात को मना करने की शिकायत लेकर आते हैं, तो उनके सामने ही बड़ों से सवाल जवाब नहीं करना चाहिए। बल्कि बच्चों को बड़ों का मान सम्मान करना सिखाना चाहिए।
आप अपने बच्चों को आत्मनिर्भर बनने के लिए जरूर प्रोत्साहित करें। उन्हें समस्या का समाधान करने का कौशल भी सिखाए। इससे आपके बच्चे अपनी समस्याओं का समाधान करने की लिए सक्षम हो जाएंगे।