Value of Words : लोगों के मन में आपके द्वारा कहे गए शब्दों का कितना असर होता है, यह पता नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए जब भी आप किसी से बात करें, तो अपने शब्दों पर ध्यान दें। आप लोगों से क्या कह रहे हैं? इसकी जांच जरुर करना चाहिए। अन्यथा आपको भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके द्वारा कहे गए शब्दों से आपके आपसी रिश्ते भी खराब हो सकते हैं।
Value of Words : लोगों से बात करना निश्चित तौर पर सबको अच्छा लगता है। इसलिए कई बार हम लोगों से बड़े लाड़प्यार से बात करते हैं। कभी उनकी तारीफ करने लगते हैं, तो कभी यूं ही हंसी मजाक करने के लिए उनका मजाक उड़ा देते हैं। आपके द्वारा की गई तारीफ या मजाक उनके मन को परेशान भी कर सकता हैं। इसलिए बोलने से पहले अपने शब्दों को जरूर परखलें तथा उनका संतुलन बनाए रखें।
Value of Words : वजन को लेकर मजाक बनाना
Value of Words : अक्सर देखा गया है, कि लोग अन्य लोगों के वजन को लेकर ज्यादा मजाक उड़ाते हैं। लोग मोटा, मोटू , गोलू , गोला, गोल मटोल आदि शब्दों का उपयोग करके लोगों को बुलाने लगते हैं। या उनसे यह कहते हैं, कि तुम बहुत ज्यादा खाते हो इसलिए मोटे हो गए हो। या अन्य प्रकार की अनौपचारिक शब्दों का प्रयोग करते हैं। और यदि उनका वजन कम होता है, तो उन्हें पतलूं और बीमार कहकर पुकारने लगते हैं। तुम्हें खाने को नहीं मिलता क्या ? जो इतनी पतली हो गए हो। तुम्हारे माता-पिता तुम्हें खाने को नहीं देते हैं। ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं।
यह साधारण से लगने वाले शब्द किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर गहरा असर डालते हैं। वह व्यक्ति अपने वजन को लेकर बहुत परेशान होने लगता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि उसके अंदर आत्मविश्वास की कमी आ जाती है। और वह ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार होने लगता है। अतः आपको अपने शब्दों पर ध्यान रखना चाहिए, कि ऐसे मजाकिए शब्द नहीं कहने चाहिए। जिनको सही नहीं किया जा सकता है।
Value of Words : रिश्तो को लेकर मजाक बनाना
Value of Words : कई बार जब आप किसी व्यक्ति से मिलते हैं, तो सबसे पहले आप उसके बारे में जानकारी उससे हासिल करते हैं। लोग कभी-कभी आपसे इतना घुल मिल जाते हैं, कि अपनी प्राइवेट लाइफ को भी आपसे शेयर कर देते हैं। इस स्थिति में आपको उसके रिश्ते का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। क्योंकि ऐसा होने पर वह व्यक्ति उलझन में पड़ सकता है। अतः इस तरह की बातें लोगों से ना करें, कि उन्हें मानसिक समस्या का सामना करना पड़े।
Value of Words : बुद्धिमत्ता की राय देना
Value of Words : जिस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक अलग पहचान और काम करने का तरीका अलग होता है। इस प्रकार उसे व्यक्ति की बुद्धि भी अलग हो सकती है। जो कि आपसे भिन्न या अन्य लोगों से भिन्न हो सकती है। ऐसे में आप उससे यह ना कहें, कि अन्य व्यक्ति उससे ज्यादा होशियार है। आपके इन शब्दों से वह व्यक्ति गोल्डन सिंड्रोम का शिकार हो सकता है। वहीं अगर व्यक्ति की बुद्धि कम है, तो आप उसको मूर्ख भी ना कहें। ऐसे शब्द उसके आत्मविश्वास पर गहरा असर डालते हैं। इसलिए उसकी बुद्धि पर राय देने के बजाय उसके प्रयास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
Value of Words : स्वभाव को लेकर
Value of Words : कुछ लोगों को ज्यादा बोलने की आदत होती है, तो वहीं कुछ लोग दूसरों के सामने बोलने पर शर्म आते हैं। ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति किसी से कम नहीं होता। यह उनके स्वभाव का एक हिस्सा होता है। जिसके अनुसार वह अपना जीवन यापन करते हैं। ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति हमेशा लोगों से घुल मिल जाते हैं। बल्कि कम बोलने वाला व्यक्ति रचनात्मक और सहानुभूति स्वभाव से संबंध रखता है। इसलिए उन्हें शर्मिंदा करने के बजाय उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए।
Value of Words : तुलना करना
Value of Words : अक्सर देखा गया है, कि लोग एक दूसरे की तुलना करते हैं। ऐसा करना किसी व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है। क्योंकि हर व्यक्ति का काम करने का तरीका अलग होता है। तथा उसकी जीवन शैली भी अन्य लोगों से भिन्न होती है। अतः हमें किसी व्यक्ति की तुलना अन्य व्यक्ति से नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
Value of Words : इस लेख के माध्यम से हमने कुछ ऐसे शब्दों का उल्लेख किया है। जिनका उपयोग करना किसी अन्य व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है। अतः हमें अपने जीवन शैली में ऐसे शब्दों या ऐसी बातों का उपयोग नहीं करना चाहिए। जिनका प्रयोग करने से उनकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता हो। तथा उनके भविष्य को हानि पहुंचती हो। इसीलिए सामान्य भाषा में कहा गया है, कि “बोलने से पहले अपने बोल को तोलना” चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- शब्द पहचान और शब्द पहचान में क्या अंतर है?
उत्तर- लोगों से बात करना निश्चित तौर पर सबको अच्छा लगता है। इसलिए कई बार हम लोगों से बड़े लाड़प्यार से बात करते हैं। कभी उनकी तारीफ करने लगते हैं, तो कभी यूं ही हंसी मजाक करने के लिए उनका मजाक उड़ा देते हैं। आपके द्वारा की गई तारीफ या मजाक उनके मन को परेशान भी कर सकता हैं। इसलिए बोलने से पहले अपने शब्दों को जरूर परखलें तथा उनका संतुलन बनाए रखें।
प्रश्न- शब्दों का चयन कैसे करें?
उत्तर- जिनका उपयोग करना किसी अन्य व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है। अतः हमें अपने जीवन शैली में ऐसे शब्दों या ऐसी बातों का उपयोग नहीं करना चाहिए। जिनका प्रयोग करने से उनकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता हो। तथा उनके भविष्य को हानि पहुंचती हो। इसीलिए सामान्य भाषा में कहा गया है, कि “बोलने से पहले अपने बोल को तोलना” चाहिए।
प्रश्न- वजन को लेकर मजाक क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर- Value of Words : अक्सर देखा गया है, कि लोग अन्य लोगों के वजन को लेकर ज्यादा मजाक उड़ाते हैं। लोग मोटा, मोटू , गोलू , गोला, गोल मटोल आदि शब्दों का उपयोग करके लोगों को बुलाने लगते हैं। या उनसे यह कहते हैं, कि तुम बहुत ज्यादा खाते हो इसलिए मोटे हो गए हो। या अन्य प्रकार की अनौपचारिक शब्दों का प्रयोग करते हैं। और यदि उनका वजन कम होता है, तो उन्हें पतलूं और बीमार कहकर पुकारने लगते हैं। तुम्हें खाने को नहीं मिलता क्या ? जो इतनी पतली हो गए हो। तुम्हारे माता-पिता तुम्हें खाने को नहीं देते हैं। ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं।
प्रश्न- रिश्तो को लेकर मजाक क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर- Value of Words : कई बार जब आप किसी व्यक्ति से मिलते हैं, तो सबसे पहले आप उसके बारे में जानकारी उससे हासिल करते हैं। लोग कभी-कभी आपसे इतना घुल मिल जाते हैं, कि अपनी प्राइवेट लाइफ को भी आपसे शेयर कर देते हैं। इस स्थिति में आपको उसके रिश्ते का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। क्योंकि ऐसा होने पर वह व्यक्ति उलझन में पड़ सकता है। अतः इस तरह की बातें लोगों से ना करें, कि उन्हें मानसिक समस्या का सामना करना पड़े।
प्रश्न- बुद्धिमत्ता की राय क्यों नहीं देना चाहिए ?
उत्तर- Value of Words : जिस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक अलग पहचान और काम करने का तरीका अलग होता है। इस प्रकार उसे व्यक्ति की बुद्धि भी अलग हो सकती है। जो कि आपसे भिन्न या अन्य लोगों से भिन्न हो सकती है। ऐसे में आप उससे यह ना कहें, कि अन्य व्यक्ति उससे ज्यादा होशियार है। आपके इन शब्दों से वह व्यक्ति गोल्डन सिंड्रोम का शिकार हो सकता है। वहीं अगर व्यक्ति की बुद्धि कम है, तो आप उसको मूर्ख भी ना कहें। ऐसे शब्द उसके आत्मविश्वास पर गहरा असर डालते हैं। इसलिए उसकी बुद्धि पर राय देने के बजाय उसके प्रयास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
प्रश्न- स्वभाव को लेकर मजाक क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर- Value of Words : कुछ लोगों को ज्यादा बोलने की आदत होती है, तो वहीं कुछ लोग दूसरों के सामने बोलने पर शर्म आते हैं। ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति किसी से कम नहीं होता। यह उनके स्वभाव का एक हिस्सा होता है। जिसके अनुसार वह अपना जीवन यापन करते हैं। ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति हमेशा लोगों से घुल मिल जाते हैं। बल्कि कम बोलने वाला व्यक्ति रचनात्मक और सहानुभूति स्वभाव से संबंध रखता है। इसलिए उन्हें शर्मिंदा करने के बजाय उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए।
प्रश्न- तुलना क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर- Value of Words : अक्सर देखा गया है, कि लोग एक दूसरे की तुलना करते हैं। ऐसा करना किसी व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है। क्योंकि हर व्यक्ति का काम करने का तरीका अलग होता है। तथा उसकी जीवन शैली भी अन्य लोगों से भिन्न होती है। अतः हमें किसी व्यक्ति की तुलना अन्य व्यक्ति से नहीं करना चाहिए।
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